अयोध्या प्रसाद गुणवत्ता जांच में 3 सैंपल फेल, श्रद्धालुओं में चिंता बढ़ी

अयोध्या। धार्मिक आस्था का केन्द्र और देश के पवित्र स्थलों में से एक अयोध्या इस वक्त एक गंभीर मुद्दे को लेकर सुर्खियों में है। नवरात्रि और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के सम्मुख, खाद्य सुरक्षा विभाग ने वहां चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की सघन जांच की है।
श्रद्धालुओं को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की यह जांच इसलिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की पवित्रता और साफ-सफाई श्रद्धालुओं के विश्वास से जुड़ी होती है। इस बार अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर सहित कुल 31 दुकानों से नमूने लिए गए। विभाग द्वारा हुई जांच में यह सामने आया कि तीन सैंपल—बेसन के लड्डू, देशी घी और पेड़े गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरे।
अब बात करते हैं इन सैंपलों की खासियत की। देशी घी में अधिक रैसिडिटी यानी बासीपन पाया गया, जो न केवल प्रसाद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। खासतौर पर त्योहारों में श्रद्धालु इस प्रसाद को बड़े विश्वास के साथ ग्रहण करते हैं, तो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी बेहद संवेदनशील हो जाती है।
इसी बीच एक और गंभीर बात सामने आई है कि कुछ दुकानदार प्रसाद में कृत्रिम रंग मिला रहे हैं, जो स्वास्थ्य तथा धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस बाबत सख्त निर्देश जारी किए हैं कि प्रसाद में किसी भी प्रकार का रंग मिलाना पूर्ण प्रतिबंधित है।
अयोध्या के सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय, मानिक चंद्र सिंह ने कहा है कि विभाग ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भी यह साफ किया कि इस तरह की व्यवस्थाओं में कोई समझौता नहीं बर्दाश्त किया जाएगा।
इस धर्मस्थल पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सेहत और उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मानकर्ता होना हमारी जिम्मेदारी है। ऐसे समय पर खाद्य विभाग की यह जांच और चेतावनी सभी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि हमें न केवल आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक स्वच्छता और सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होगा।