जीव और परमात्मा: अमर आत्मा और ईश्वर के अंश का महत्व
जीवन के रहस्य और उसकी वास्तविकता को समझना मानवता का पुराना प्रयास रहा है। आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो प्रत्येक जीव आत्मा है, जो ईश्वर का अंश है। इस दृष्टिकोण के अनुसार आत्मा अमर है और उसका कभी नाश नहीं होता। जिसे मृत्यु कहा जाता है, वह केवल उस शरीर के त्याग को दर्शाता है जिसमें आत्मा निवास कर रही होती है।
विशेष रूप से मानव जीवन को इस दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। अन्य योनियों में आत्मा के पास यह अवसर नहीं मिलता कि वह साधना और श्रेष्ठ कर्मों के माध्यम से ईश्वर से मिल सके। मानव जीवन में ही यह विशेष अवसर प्राप्त होता है कि आत्मा अपने अंशी, परमात्मा, में समाहित होने के लिए प्रयास कर सके।
आध्यात्मिक विद्वानों के अनुसार जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य यही है कि आत्मा अपने अंश से मिलकर पूर्णता और शांति प्राप्त करे। अन्य योनियों में यह अवसर न मिलने के कारण मानव जन्म को सर्वोच्च और अद्वितीय माना जाता है।
यह दृष्टिकोण हमें जीवन के उद्देश्य और आत्मा के महत्व को समझने की प्रेरणा देता है, साथ ही यह बताता है कि प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास परमात्मा से मिलन की ओर होना चाहिए।
