चाहत पांडे ने बताए जीवनसाथी में होने चाहिए ये 4 खास गुण, बाकी मैं संभाल लूंगी

मुंबई। टीवी इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाने वालीं चाहत पांडे 'बिग बॉस 18' के बाद से चर्चाओं में लगातार बनी हुई है। कभी वह अपने काम के कारण सुर्खियों में छाई रहती है, तो कभी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने फैंस से जुड़ी रहती है। इस बीच उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें अपने लिए कैसा जीवनसाथी चाहिए। आईएएनएस से खास बातचीत में चाहत ने न केवल अपनी पसंदीदा जीवनसाथी की खूबियों के बारे में खुलकर बताया, बल्कि अपने नए टीवी शो 'सास बहू और स्वाद' के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।

इस शो के जरिए वह टीवी के पारंपरिक सास-बहू ड्रामाओं से हटकर कुछ नया दिखाने की कोशिश कर रही हैं। चाहत ने कहा, "मैं अपने जीवन में एक ऐसे साथी की तलाश में हूं, जिसमें मुझे परफेक्शन तो नहीं, लेकिन हां, कुछ बुनियादी और जरूरी गुण चाहिए। मेरे लिए वफादारी, ईमानदारी, मेहनत और सम्मान जैसे गुण सबसे महत्वपूर्ण हैं। ये चार गुण होना अनिवार्य हैं, बाकी तो छोटी-छोटी कमियों को मैं खुद संभाल सकती हूं।" चाहत ने अपनी एक्टिंग की दुनिया में वापसी बालाजी टेलीफिल्म्स के नए शो 'सास बहू और स्वाद' से की है। यह शो खास तौर पर पारंपरिक सास-बहू ड्रामों से अलग है।
जब उनसे पूछा कि यह शो बाकी ड्रामों से कैसे अलग है, तो उन्होंने बताया कि यह कोई कड़वी नोक-झोंक या बहू के लगातार रोने-धोने की कहानी नहीं है। इसके बजाय यह शो सास और बहू के बीच सहयोग, सम्मान और सशक्तीकरण पर आधारित है। चाहत ने कहा, ''भारत में सास और बहू का रिश्ता केवल विवाद या लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा रिश्ता हो सकता है जिसमें दोनों महिलाएं एक-दूसरे के सपनों को पूरा करने में मदद करें।'' शो में चाहत 'रिया' का किरदार निभा रही हैं, जो एक मजबूत और साहसी महिला है। रिया अपने हर मुश्किल का सामना बिना डरे करती है और अपने लिए खड़ी रहती है।
उन्होंने बताया कि वह इस किरदार के साथ दर्शकों को यह दिखाना चाहती हैं कि महिलाओं को कमजोर या रोने की जगह अपने हक और सपनों के लिए लड़ना चाहिए। रिया का पति करण उसे पूरा सपोर्ट करता है और उसके साथ खड़ा रहता है। हर लड़की को एक ऐसा साथी मिलना चाहिए जो उसके साथ खड़ा हो और उसकी मदद करे। रिया की सास भी उसकी सबसे बड़ी सहारा बनती हैं, जो दोनों के बीच मजबूत रिश्ता दिखाता है। बता दें कि 'सास बहू और स्वाद' की कहानी इंदु रस्तोगी नाम की एक गृहिणी की है, जिनका खाना बनाना पूरे परिवार को जोड़कर रखता है। जब रिया इस घर में आती है, तो पारंपरिक और आधुनिक सोच के बीच टकराव शुरू हो जाता है। इस तरह यह कहानी केवल परिवार की लड़ाई नहीं, बल्कि दो अलग-अलग सोचों के मेल और संघर्ष की कहानी भी है।
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