रतनजोत: बाल झड़ने और स्किन समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज, सौंदर्य बढ़ाने में बेहतरीन
नई दिल्ली। रतनजोत एक औषधीय पौधा है, जो हिमालय क्षेत्र के साथ-साथ उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी पाया जाता है, लेकिन जंगलों के दोहन की वजह से ये पौधा मिलना दुर्लभ हो गया है।
इसमें चेहरे को निखारने, त्वचा रोगों, बालों के रोग और जलन जैसी समस्या को हरने के गुण होते हैं। रतनजोत की जड़ में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो घाव भरने में मदद करते हैं, कटने या जलने से होने वाली परेशानी में राहत देते हैं और त्वचा पर होने वाली एलर्जी से राहत देते हैं। इसके लिए घाव पर या जलन पर रतनजोत की जड़ का पेस्ट या इसका तेल भी लगाया जा सकता है। ये त्वचा के लिए किसी दवाई की तरह ही काम करते हैं। अगर बाल असमय सफेद हो रहे हैं, तो रतनजोत की जड़ से नेचुरल डाई बना सकते हैं। इसके लिए रतनजोत की जड़ के पाउडर को नारियल तेल या सरसों के तेल में गर्म करें और हल्का ठंडा होने पर अप्लाई करें।
इससे बालों के झड़ने की समस्या कम होती है, स्कैल्प पर होने वाली फंगस से छुटकारा मिलता है और डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है। ये बालों को नेचरल तरीके से काला करने में भी मदद करता है। रतनजोत से तैयार तेल होंठों को गुलाबी बनाए रखने में मदद करता है। यह होंठों पर होने वाला कालापन कम करता है और प्राकृतिक गुलाबी रंग देता है। इसके साथ ही सौंदर्य को निखारने में रतनजोत का मुकाबला नहीं है। चेहरे पर पुराने से पुराने काले धब्बे या चेहरे का निखार लौटाने में रतनजोत मदद करता है। इसके लिए रतनजोत के पाउडर को मुल्तानी मिट्टी और गुलाबजल के साथ मिलाकर फेस पैक बनाकर लगाएं। ऐसा हफ्ते में दो बार करें तो चेहरा चांद की तरह चमकने लगेगा।
