वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर चिंता जताई कि रूस और भारत अब चीन के करीब जा रहे हैं। उन्होंने लिखा— “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा हो।” इस टिप्पणी ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति में नई बहस छेड़ दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया।
भारत-अमेरिका रिश्तों में टैरिफ से तनाव
ट्रम्प और भारत के बीच तनाव की बड़ी वजह भारी टैरिफ (शुल्क) को माना जा रहा है। अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया, जिससे रिश्तों में खटास बढ़ी। यही नहीं, ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए इन टैरिफ को लेकर अमेरिका में कानूनी लड़ाई भी चल रही है।
• ट्रम्प ने गुरुवार को कोर्ट में दलील दी थी कि भारत पर टैरिफ जरूरी हैं, वरना अमेरिका को भारी आर्थिक नुकसान होगा।
• उनका कहना था कि भारत पर टैरिफ रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने में मददगार साबित हो सकते हैं, क्योंकि भारत रूसी तेल खरीद रहा है।
• 4 सितंबर को ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। उस फैसले में कहा गया था कि ट्रम्प को विदेशी सामान पर इतने भारी टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं है।
छोटे कारोबारियों का विरोध
ट्रम्प की नीति को छोटे कारोबारी चुनौती दे रहे हैं। उनके वकील जेफ्री श्वाब ने कहा कि ये टैरिफ छोटे व्यवसायों के लिए नुकसानदायक हैं और वे जल्द ही कोर्ट से राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
कानूनी पेंच
पहले अमेरिका की अपील कोर्ट भी ट्रम्प के अधिकतर टैरिफ को गैरकानूनी ठहरा चुकी है। कोर्ट का कहना था कि ट्रम्प ने जिस कानून के तहत टैरिफ लागू किए, वह उन्हें इस स्तर की शक्ति नहीं देता। इसीलिए अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है।