घर को सजाएं पौधों से
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-शिखा चौधरी
घर चाहे छोटा हो या बड़ा, यदि उसे ढंग से साफ-सुथरा एवं सजा कर न रखा जाये तो अच्छा नहीं लगेगा?
घर की सजावट में पौधों का भी विशेष योगदान होता है। यह जरूरी नहीं कि घर में पौधे लगाने के लिए
विशेष कच्ची मिट्टी की जगह होनी चाहिए बल्कि पक्के घर में गमलों आदि में पौधे लगाकर घर की
रौनक बढ़ाई जाती है।
घर में बागवानी बेहद अच्छी लगती है। छोटी सी बगिया बनाने में यहां कोई बुराई नहीं। आजकल छोटे,
तंग और बंद घर होते हैं। तो भी कोई परेशानी वाली बात नहीं क्योंकि गमले तो घर के किसी भी कोने
में रखे जा सकते हैं।
धूप में रखने वाले या छाया में रखने वाले पौधे को जरूरत होती है थोड़ी देखभाल की। वैसे भी आजकल हर
जगह और मौसम के अनुकूल पौधे मिल जाते हैं। इनकी देखभाल करने से आपको भी एक सृजनात्मक
कार्य मिल जायेगा।
ज्यादातर घरों में दो प्रकार के पौधे लगाये जाते हैं, एक तो वे जो घर के बाहर बाग-बगीचे या खुले में
लगाये जाते हैं, दूसरे वे जो घर के अंदर गमलों या पॉटस् में लगाये जाते हैं। अपने घर को खूबसूरत
बनाने के लिए आपको इन दोनों ही तरह के पौधों की जानकारी होनी चाहिए।
अपने बगीचे में आप मौसम के अनुकूल फूल वाले पौधे लगा सकते हैं जबकि घर के अंदर गमलों में लगाने
के लिए विशेष इंडोर प्लांटस् आते हैं। ये देखने में बेहद खूबसूरत होते हैं और घर के अंदर के माहौल को
और भी खूबसूरत बना देते हैं। ये घर के बंद वातावरण के अनुकूल होते हैं। इन पौधों में मनीप्लांट,
पॉम, मोंसटेरिया, सेप्लेरिया, सिंगोनियम और ड्राइसीनिया आदि आते हैं।
बगीचे में फूलों के पौधे लगाने का आनंद जाड़े के मौसम में है। ऐसे में मैरीगोल्ड (गेंदा), कैलेनडयूला,
डहेलिया, क्राइसेंथिमम (गुलदाउदी) सिनरेरिया, कॉसमॉस पॉपी, सैल्बिया आदि पौधे लगा सकते हैं। इन
पौधों में मार्च-अप्रैल तक फूल आते हैं। कुछ पौधे जैसे हॉरलॉक आदि में गरमियों के मौसम तक फूल
आते रहते हैं। इन पौधों को बोने का मौसम अगस्त से अक्टूबर-नवंबर तक रहता है। इन्हें किसी भी
नर्सरी से ले सकते हैं। इनमें लगभग दिसंबर या जनवरी से फूल आने शुरू हो जाते हैं।
पौधों की जरूरतें भी मौसम के अनुकूल होती हैं। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, उनकी जरूरतें भी बदलती
रहती हैं। जाड़ों का मौसम पौधों के लिए बेहद खुशनुमा रहता हैं क्योंकि ऐसे में उन्हें कम पानी, धूप
और खाद की जरूरत होती है।
कहने का मतलब है कि जाड़ों में पौधों को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। फिर भी पौधों के प्रति
लापरवाही नहीं बरती जा सकती। खासकर इंडोर प्लांटस के लिए तो बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरती
जा सकती क्योंकि घर के अंदर का वातावरण पौधों के लिए एक तरह से कृत्रिम वातावरण ही होता है
जिससे उनके वास्तविक विकास पर बेहद असर पड़ता है।
कमरे के पौधों में उच्च तापमान, धूप की कमी, नमी की कमी, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, पानी की
कमी, कीड़े आदि की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए इन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।
पौधों की देखभाल के लिए ध्यान देने योग्य बातें-
सर्दियों में पौधों को कम धूप एवं कम पानी की जरूरत होती है।
कमरे में ज्यादा नमी भी इंडोर प्लांटस के लिए उत्तम नहीं है। कमरे में रेडिएटर लगाने से नमी की मात्रा
कम हो जाती है। पौधों को नमी देने के लिए रेडिएटर के पास पानी से भरा कटोरा रखें। इससे सर्दियों
में नमी की कमी नहीं होती।
पौधों को ज्यादा नमी भी नुक्सान पहुंचाती है। इसलिए पौधों को ज्यादा नमी से बचाना चाहिए।
पौधे को कमरे में उचित प्रकाश भी मिलना चाहिए।
साल-दो साल बाद पौधों के गमले बदल देने चाहिए क्योंकि उनकी जड़ें पूरे गमले को घेर लेती हैं और
उनका आकार भी बढ़ जाता है।
पौधों को आवश्यकता से अधिक पानी न दें वरना उनकी जड़ें गल जायेंगी।
पौधों को जरूरत के अनुसार खाद एवं कीटाणुनाशक लगायें।
पौधे को जब भी नर्सरी से लायें, उसकी देखभाल एवं रख-रखाव के विषय में जानकारी भी साथ ही लें लें।
(उर्वशी)
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