मां ने अपने ही मासूम बेटे को गुंडों से पिटवाया, सदमे में बच्चा, बाल अधिकार आयोग ने पुलिस को दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
Rishikesh News: तीर्थनगरी ऋषिकेश से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने मां-बेटे के रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। यहां एक मां पर आरोप है कि उसने अपने ही छोटे बेटे को गुंडों से पिटवाने की कोशिश की। घटना के बाद मासूम बच्चा इतना सदमे में है कि उसे मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग […]
Rishikesh News: तीर्थनगरी ऋषिकेश से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने मां-बेटे के रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। यहां एक मां पर आरोप है कि उसने अपने ही छोटे बेटे को गुंडों से पिटवाने की कोशिश की। घटना के बाद मासूम बच्चा इतना सदमे में है कि उसे मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जरूरत पड़ी।
वैवाहिक जीवन में सबकुछ ठीक, लेकिन फिर बढ़ने लगे विवाद
बड़े बेटे संग अलग हुई मां, छोटे को छोड़ गई पिता के पास
आरोप है कि महिला ने प्रॉपर्टी डीलर की सलाह पर काफी जमीन और संपत्ति बेच दी। इसके बाद वह अपने बड़े बेटे को लेकर दक्षिण भारत स्थित अपने मायके चली गई। वहीं, छोटा बेटा पिता के साथ ही ऋषिकेश में रहने लगा। इसी बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद बढ़ता गया और हाल ही में इसने बेहद खौफनाक रूप ले लिया।
दुकान पर कब्जे की नीयत से हमला, मां भी मौजूद
करीब तीन हफ्ते पहले एयरफोर्स अधिकारी की दुकान पर कुछ लोगों ने कब्जे की नीयत से हमला किया। चौंकाने वाली बात यह रही कि घटना के समय मां खुद भी उन हमलावरों के साथ मौजूद थी। उस समय छोटा बेटा दुकान पर बैठा था। गुंडों का खौफनाक रूप देखकर बच्चा घबरा गया और मानसिक रूप से टूट गया। आरोप है कि आरोपी पक्ष दुकान का डीवीआर भी ले गए।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में धामी सरकार का बड़ा कदम! पांच कैबिनेट पद भरने की तैयारी, इन नामों की चर्चाएं
पुलिस और आयोग की कार्रवाई
घटना की जानकारी पिता ने पुलिस को दी। वहीं, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए ऋषिकेश पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि बच्चे की मानसिक स्थिति बेहद खराब है और यह सोचकर वह और ज्यादा आहत है कि यह हमला उसकी मां के इशारे पर हुआ।
सुनवाई में गैरहाजिर रही मां
बाल अधिकार आयोग में अब तक दो बार सुनवाई हो चुकी है। मगर, दोनों बार मां या उसके प्रतिनिधि की ओर से कोई पेशी नहीं हुई। आयोग की तरफ से महिला को फोन भी किया गया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। फिलहाल आयोग ने बच्चे की काउंसलिंग कराई है ताकि उसका मानसिक संतुलन बहाल हो सके।
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !