बाराबंकी में ABVP छात्रों पर लाठीचार्ज पर मानवाधिकार आयोग खफा, मुख्य सचिव-डीजीपी से किया जवाब तलब

लखनऊ। बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में बीते दिनों हुए बवाल और लाठीचार्ज मामले ने अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आयोग ने घटना को गंभीर मानते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा को नोटिस जारी किया है। दोनों अधिकारियों से 15 दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की अनुमति के बिना अवैध रूप से एलएलबी में प्रवेश दिए। जब छात्र और अभाविप कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। शिकायत में कहा गया कि यह कदम छात्रों के मौलिक अधिकारों — शांतिपूर्ण विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता — का उल्लंघन है।
आयोग ने मामले को प्रथम दृष्टया गंभीर मानते हुए कहा कि यह छात्रों के मानवाधिकारों का सीधा हनन है। सदस्य प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुख्य सचिव और डीजीपी से स्पष्टीकरण और कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि सोमवार को हुए इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल एक्शन लिया था। मौके पर मौजूद सीओ को हटा दिया गया था, जबकि एसएचओ और पुलिस चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसके अलावा आरोपी तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। अयोध्या मंडलायुक्त राजेश कुमार और आईजी प्रबीर कुमार को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
इसी कड़ी में विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई, अवैध वसूली और अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए कई निर्माण ध्वस्त किए गए। साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चल रहे कोर्सों की मान्यता की जांच शुरू कर दी गई है।
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