विटामिन डी की कमी: धूप और पोषण से वजन और ऊर्जा पर कैसे पड़ता है असर
नई दिल्ली। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग घंटों स्क्रीन के सामने काम करते रहते हैं। यही वजह है कि कई लोगों में एक आम समस्या देखने को मिल रही है और वह है वजन बढ़ना। बहुत से लोग डाइटिंग और एक्सरसाइज करने के बावजूद वजन घटा नहीं पाते। इसका कारण सिर्फ खानपान या लाइफस्टाइल नहीं, बल्कि शरीर में बेहद जरूरी पोषक तत्व विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही मानते हैं कि शरीर का संतुलन तभी बना रहता है जब उसमें सूर्य की ऊर्जा सही मात्रा में पहुंचती है।
विटामिन डी दरअसल उसी ऊर्जा का एक रूप है, जो हमारे शरीर को सूरज की रोशनी से मिलता है। इसे 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है, क्योंकि यह हमारी त्वचा पर पड़ने वाली धूप से बनता है। जब शरीर में इसकी कमी होती है, तो सिर्फ हड्डियां ही नहीं, बल्कि पूरा मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। यह कमी धीरे-धीरे वजन बढ़ने, थकान, नींद में कमी और बार-बार खाने की इच्छा जैसी समस्याओं का कारण बन जाती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो विटामिन डी शरीर में सेरोटोनिन नामक हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन हमारे मूड और भूख दोनों पर असर डालता है।
जब इसकी मात्रा घटती है, तो नींद ठीक से नहीं आती, मूड बार-बार बदलता है और व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खाने लगता है। यही ओवरईटिंग धीरे-धीरे मोटापे का कारण बनती है। इसके अलावा विटामिन डी की कमी से इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे शरीर में फैट जमा होने लगता है और वजन कम करना और मुश्किल हो जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर में 'अग्नि' यानी पाचन शक्ति, कमजोर होती है, तो विषैले तत्व बनते हैं जो शरीर में जमा होकर मोटापा और आलस्य बढ़ाते हैं।
सूर्य की रोशनी इस 'अग्नि' को प्रज्वलित करती है यानी धूप हमारे शरीर की नैसर्गिक ऊर्जा को जगाती है। यही कारण है कि प्राचीन वैद्य सुबह-सुबह सूर्य स्नान करने की सलाह देते थे। सूरज की हल्की किरणें न सिर्फ शरीर में विटामिन डी बढ़ाती हैं, बल्कि मानसिक स्फूर्ति भी देती हैं। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी बढ़ जाए, तो इसके लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। लगातार थकान महसूस होना, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहना, बालों का झड़ना या बार-बार मूड बदलना, ये सभी संकेत हो सकते हैं कि शरीर धूप से मिलने वाली इस ऊर्जा से वंचित है।
कई बार लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं और सोचते हैं कि यह सिर्फ तनाव या नींद की कमी की वजह से है, जबकि असली कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस कमी को दूर कैसे किया जाए? धूप में कुछ देर रहना सबसे आसान तरीका है, लेकिन सिर्फ यही पर्याप्त नहीं। शरीर को यह विटामिन बनाने के लिए सही खानपान भी जरूरी है। संतरे का जूस और ओट्स जैसे अनाज भी विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं। आयुर्वेद में इसके साथ ही तिल का तेल, आंवला और अश्वगंधा जैसे औषधीय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
