गैंगस्टर विनय त्यागी का अंत: एम्स ऋषिकेश में तोड़ा दम, कभी बोलती थी तूती, आज गांव वाले घर पर लटका ताला
मुजफ्फरनगर। खाईखेड़ी गांव निवासी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की शनिवार सुबह एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह पुलिस कस्टडी में कोर्ट पेशी के दौरान हुए जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था।
विनय त्यागी पर मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर समेत कई जिलों में करीब सात मुकदमे दर्ज थे। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया डॉन था, जिस पर लूट, डकैती, हत्या का प्रयास, रंगदारी, हथियार तस्करी और धोखाधड़ी जैसे दो दर्जन से अधिक केस दर्ज थे। विभिन्न रिपोर्ट्स में उसके खिलाफ 46 से 60 केस बताए जा रहे हैं।
हाल ही में देहरादून में एक कारोबारी के घर से करोड़ों की लूट की वारदात में उसका नाम सामने आया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। वह रुड़की जेल में बंद था और धोखाधड़ी के एक मामले में लक्सर कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था।
विनय त्यागी की पत्नी निशु त्यागी दो बार मुजफ्फरनगर के पुरकाजी क्षेत्र में ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं। विनय भी राजनीति में कदम रखने की तैयारी कर रहा था और सहारनपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुका था, हालांकि हार गया था। मौत की खबर के बाद उसके खाईखेड़ी वाले मकान पर ताला लगा हुआ है।
हमले के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों शूटर्स सनी यादव उर्फ शेरा और अजय को खानपुर क्षेत्र के जंगल से गिरफ्तार किया था। दोनों काशीपुर निवासी हैं और पुरानी रंजिश के चलते यह हमला किया था। सुरक्षा चूक के लिए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया।
विनय त्यागी की मौत के बाद परिवार ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और जानबूझकर सुरक्षा न देने का दावा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस घटना से पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के अपराध जगत में हलचल मच गई है।
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