मुजफ्फरनगरः टाउनहाल पार्किंग ठेके में बड़ा खेल! फर्जी दस्तावेज, 21 लाख की बकाया वसूली और चहेते ठेकेदार को फायदा देने के आरोप
मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद स्थित टाउन हाल वाहन पार्किंग का ठेका एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। यह पार्किंग पूर्व में भी अवैध वसूली को लेकर चर्चाओं में रही है, जब तत्कालीन ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने स्वयं मौके पर अवैध वसूली का मामला पकड़ा था। अब इस पार्किंग ठेके में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का नया मामला सामने आया है।
भाजपा सभासद देवेश कौशिक ने इस संबंध में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को लिखित शिकायत देकर दोषियों के खिलाफ जांच व कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि नगर पालिका के राजस्व के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभासद देवेश कौशिक ने शिकायत में बताया कि वर्ष 2024-25 में नगर पालिका परिषद परिसर स्थित पार्किंग का ठेका फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवंटित किया गया। इतना ही नहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 (अक्टूबर से मार्च) के लिए ठेका देने में भी गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई है।
उन्होंने बताया कि पार्किंग का ठेका मै. सुनील कुमार को वर्ष 2024-25 के लिए 26 लाख रुपये में आवंटित किया गया था, लेकिन ठेकेदार द्वारा पूर्ण धनराशि जमा नहीं की गई, इसके बावजूद ठेके को अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया गया। वर्तमान में उक्त ठेकेदार पर लगभग 21 लाख रुपये की बकाया राशि नगर पालिका पर देय है, जो सीधे तौर पर पालिका को भारी वित्तीय नुकसान दर्शाती है।
सभासद का आरोप है कि बकाया वसूली के नाम पर मात्र खानापूर्ति की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पालिका प्रशासन ठेकेदार के साथ पूरी तरह से सांठगांठ में शामिल है।
देवेश कौशिक ने आगे बताया कि अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 तक के लिए यह पार्किंग ठेका मै. संजय जैन को मात्र 14 लाख रुपये में दे दिया गया, जबकि पूर्व वित्तीय वर्ष 2024-25 में पार्किंग शुल्क 8 घंटे के लिए 30 रुपये प्रति कार था, जिसे चालू वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 75 रुपये प्रति कार कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पालिका प्रशासन ने जानबूझकर पालिका को वित्तीय नुकसान पहुंचाते हुए अपने चहेते ठेकेदार को 30 रुपये से बढ़ाकर 75 रुपये (लगभग 250 प्रतिशत वृद्धि) का सीधा लाभ पहुंचाने का काम किया है।
इतना ही नहीं, वर्ष 2025-26 में पार्किंग ठेके की दूसरी बार आमंत्रित निविदा में दो निविदाएं आने के बावजूद नगर पालिका प्रशासन ने अपने चहेते ठेकेदार को ठेका दिलाने की नीयत से निविदा को नियम विरुद्ध तरीके से निरस्त कर दिया। इसके बाद तीसरी निविदा में मात्र एक ही निविदा आने पर उसी चहेते ठेकेदार को ठेका आवंटित कर दिया गया।
भाजपा सभासद देवेश कौशिक ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच, दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा नगर पालिका को हुए नुकसान की पूरी वसूली की मांग की है।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या नगर पालिका प्रशासन इस गंभीर वित्तीय अनियमितता पर कार्रवाई करेगा? या फिर टाउन हाल पार्किंग ठेका यूं ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा?
