शामली। कांधला थाना क्षेत्र स्थित हिंदू इंटर कॉलेज की 100 साल पुरानी जर्जर इमारत को लेकर शिक्षा विभाग ने संज्ञान ले लिया है। कॉलेज की छत और दीवारों में गंभीर दरारें आने और गिरते सीमेंट के कारण छात्रों की जान जोखिम में पड़ रही थी। प्रधानाचार्य की कई बार की गई शिकायतों के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो भास्कर ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। खबर छपने के बाद अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है।
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प्रधानाचार्य उदयवीर सिंह ने बताया कि कॉलेज का निर्माण वर्ष 1928 के आसपास अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ था। करीब 100 साल पुरानी यह इमारत अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। कॉलेज में कुल 26 कमरे हैं, जिनमें से 20 कमरों की हालत बेहद खराब है। बरसात के दिनों में स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है—छत टपकती है, पानी कमरे में भर जाता है और दीवारों से प्लास्टर झड़ता है।
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उन्होंने बताया कि कई बार अधिकारियों को लिखित में सूचित किया गया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया। उन्होंने मांग की थी कि जब तक बिल्डिंग की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक बच्चों की पढ़ाई के लिए अस्थाई स्कूल की व्यवस्था की जाए, ताकि 770 छात्रों का भविष्य अंधेरे में न चला जाए।
जांच टीम के कॉलेज पहुंचने के बाद प्रधानाचार्य ने टीम को कॉलेज की छत, दीवारों और कमरों की स्थिति दिखाते हुए सारी जानकारी उपलब्ध कराई। टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि दीवारों से सीमेंट झड़ रहा है और छतों में बड़ी दरारें हैं, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
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छात्रों के माता-पिता में भी स्कूल की स्थिति को लेकर गहरी चिंता है। उनका कहना है कि अगर समय रहते मरम्मत नहीं की गई, तो कोई भी अनहोनी हो सकती है और इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
फिलहाल, जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आधार पर कॉलेज के पुनर्निर्माण या अस्थाई समाधान की दिशा में कदम उठाया जाएगा।