शामली: कांधला में महिला ने चकबंदी विवाद पर आत्मदाह का प्रयास, पुलिस ने रोका
शामली। कांधला क्षेत्र के गांव सुन्ना निवासी एक महिला ने उपसंचालक चकबंदी में दो बार पक्ष में फैसला सुनाये जाने के बाद भी आदेशों को पलटने का आरोप लगाते हुए मिटटी तेल छिडककर आत्मदाह करने का प्रयास किया। जिसके बाद कार्यालय में हडकंप मच गया। आसपास मौजूद वकीलों ने महिला के हाथ से तेल से भरी बोलत को छीना। वही थाना आदर्शमंडी पुलिस ने महिला को समझा बुझाकर शांत किया और न्याय का भरोसा दिलाया।
कांधला क्षेत्र के गांव सुन्ना निवासी संगीता देवी ने उपसंचालक चकबंदी शामली पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि गांव में जून 2022 में नए चकों पर किसानों को कब्जा दिलाया गया था। उनके पति धर्मेन्द्र, जो मंदबुद्धि हैं, से संबंधित चकों को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। मामले में पहले उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देशों के क्रम में डीडीसी शामली द्वारा 22 जून 2023 को निर्णय पारित किया गया था, जिसमें विपक्षियों की निगरानी खारिज कर दी गई थी।
इसके बाद विपक्षी पक्षकारों द्वारा पुनः निगरानी दायर की गई, जिसे 26 जून 2025 को उपसंचालक चकबंदी शामली द्वारा पूर्व में निर्णय हो जाने के कारण पोषणीय न मानते हुए खारिज कर दिया गया। आरोप है कि बाद में पुनर्स्थापना प्रार्थना पत्र स्वीकार कर 2 जून 2025 का आदेश 15 दिसंबर 2025 को निरस्त कर दिया गया। पीड़िता का आरोप है कि आदेश निरस्त होने के बाद दबंगों द्वारा उनके चक पर कब्जा करने और बोई गई फसल को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी शिकायत उपसंचालक चकबंदी से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता का कहना है कि वह एक असहाय महिला है और सुविधा शुल्क न दे पाने के कारण उसके साथ अन्याय किया गया।
पीड़िता ने बताया कि मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने शुक्रवार दोपहर करीब डेढ बजे उपसंचालक चकबंदी कार्यालय में पहुंचकर मिटटी तेल छिडककर आत्महत्या का प्रयास किया। जिससे कार्यालय में हडकंप मच गया। सूचना पर थाना आदर्शमंडी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और महिला को समझा बुझाकर शांत किया और अपने साथ ले गई। महिला ने ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।
