शामली में यमुना का कहर: हजारों बीघा फसल जलमग्न, प्रशासन अलर्ट

शामली। यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने कैराना क्षेत्र में तबाही मचा दी है। हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह 9 बजे 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना ने कैराना पहुंचते ही रौद्र रूप धारण कर लिया। मंगलवार सुबह 11 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया, जिससे खादर क्षेत्र की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। तटवर्ती गांवों के निवासी दहशत में हैं। हालांकि, बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा में कमी आई है, जिसके चलते बुधवार देर रात तक जलस्तर घटने की संभावना है।
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ने से यमुना में पानी छोड़ने का सिलसिला जारी है। सोमवार शाम 5 बजे तक यमुना चेतावनी बिंदु से 50 सेंटीमीटर नीचे थी, लेकिन रात तक यह खतरे के निशान को पार कर गई।
अपर जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को छूकर थोड़ा ऊपर चला गया था। प्रशासन ने यमुना के किनारे बसे गांवों का निरीक्षण किया। पानी अभी यमुना और बंधे के बीच है, जिससे पेड़ों और फसलों को नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है। किसी गांव में पानी नहीं घुसा और न ही पशुओं या लोगों को कोई हानि हुई है। विस्थापन की भी आवश्यकता नहीं पड़ी। फिर भी, एहतियातन सभी बाढ़ चौकियों पर प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है और 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। पुलिस बल भी तैनात है। एक बंधे में मामूली कटाव को एसडीएम ने तुरंत मरम्मत करवा दिया। शामली प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।