अयोध्या में 2000 करोड़ की ज़मीन का हुआ घोटाला, अफसर की बीबी के नाम भी 350 करोड़ की ज़मीन हुई दर्ज
.jpg)
योध्या। रामनगरी अयोध्या में एक बार फिर बड़े भूमि घोटाले का मामला सुर्खियों में आ गया है। सुल्तानपुर की दियरा रियासत से जुड़े उत्तराधिकारी राजा बृजेन्द्र प्रताप शाही ने आरोप लगाया है कि अयोध्या और आसपास की करीब 2000 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को फर्जी दस्तावेजों और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
उन्होंने बताया कि दियरा स्टेट की संपत्ति अयोध्या समेत कई जगहों पर फैली हुई है। इनमें मांझा जमथरा में लगभग 1040 बिस्वा, देवकाली में 136 बिस्वा, रानोपाली में 29 बिस्वा और अंकारीपुर में 27 बिस्वा जमीन शामिल है। उनका कहना है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण ने बिना जांच कई जमीनों पर अवैध निर्माण के नक्शे पास कर दिए।
राजा शाही ने आरोप लगाया कि विपक्षी पक्ष ने खुद को राजा जगदीश प्रताप शाही का भतीजा बताकर कूटरचना की और राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज करा लिया, जबकि वास्तविक वारिस तीन पुत्र – स्व. रामानुज प्रताप शाही, बृजेंद्र प्रताप शाही और मारुतेंद्र प्रताप शाही (वर्तमान में लखनऊ में निवासरत) हैं।
उन्होंने कहा कि दियरा स्टेट का गौरवशाली इतिहास रहा है। बड़ी देवकाली मंदिर, मऊ शिवाला और सुल्तानपुर स्थित धोपाप मंदिर जैसे पौराणिक धरोहर इस स्टेट से जुड़ी हैं। भगवान श्रीराम ने यहां ब्रह्म हत्या से मुक्ति के लिए स्नान कर दीप प्रज्ज्वलित किया था, इसी से इसका नाम दियरा स्टेट पड़ा।
राजा बृजेन्द्र प्रताप शाही ने कहा – “हमें भारतीय संविधान, न्यायपालिका और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और हमें न्याय अवश्य मिलेगा।”
इस मौके पर भाजपा नेता शरद पाठक बाबा, यश पाठक, फूलचन्द यादव, नरेंद्र पाठक, उमंग पाठक और राजा पाठक समेत कई लोग मौजूद रहे।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !