आजम को बड़ी राहत, RSS केस में बरी, फैसले के बाद ये बोले आजम खान
यह मुकदमा वर्ष 2019 में हजरतगंज कोतवाली में दर्ज किया गया था।
आजम खान बोले: 'बहुत ही ईमान वाला फैसला आया है'
कोर्ट का फैसला आने के बाद आजम खान ने मीडिया से बात की। उन्होंने फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि, "फैसला जो आया है, वह सभी जानते हैं, लेकिन बहुत ही ईमान वाला फैसला आया है। मैं जज साहब को दुआ दे सकता हूं, उनका शुक्रिया अदा कर सकता हूं।"
आजम खान ने कहा कि अब कोर्ट से ही उम्मीद बची है। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर के सवाल पर कहा, "मैं बस इतना कहना चाहूंगा, लॉ जस्टिस की शक्ल में कायम रहे, जैसा आज हुआ।" उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फैसले से कमजोरों को बहुत उम्मीद बंध जाएगी।
सैकड़ों मुकदमों का किया जिक्र
आजम खान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उन पर, उनकी पत्नी, बेटे, मरी हुई मां, बहन समेत तमाम लोगों पर सैकड़ों मुकदमे हैं और अभी भी कई लोग जेल में हैं।
शायराना अंदाज में उन्होंने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा, "हम खून की किश्तें कई दे चुके हैं, लेकिन ए आके वतन कर्ज अदा क्यों नहीं होता है।" उन्होंने कहा कि उम्मीद पर दुनिया कायम है। उन्होंने पिछली बार हुई 7 साल की सजा का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली बार उम्मीद नहीं थी, फिर भी जेल जाना पड़ा था। इस बार वह अटैची लेकर आए थे।
क्या था मामला?
फरवरी 2019 में सामाजिक कार्यकर्ता अल्लामा जमीर नकवी ने हजरतगंज कोतवाली में आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2014 में जब प्रदेश में सपा की सरकार थी, तब आजम खान के सरकारी लेटरपैड पर 6 पत्र जारी किए गए थे।इन पत्रों में RSS, शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद और उनके निजी सचिव इमरान नकवी के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक बातें लिखी गई थीं। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि RSS को बदनाम करने की इस साजिश में उस समय के शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी भी शामिल थे। कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को बरी कर दिया है।
