बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में बालू के अवैध खनन और परिवहन का गोरखधंधा लंबे समय से चर्चा में है। आरोप अक्सर लगते रहते हैं कि इस अवैध कारोबार में पुलिस और खनन माफिया की मिलीभगत रहती है। अब एक डिजिटल ऐप के माध्यम से सामने आए स्टिंग वीडियो ने इन आरोपों को फिर से पुख्ता कर दिया है। स्टिंग में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी खुलेआम बालू से लदे ट्रकों को छोड़ने के बदले रुपये लेते नजर आ रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद बांदा पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने थाना बदौसा के थानाध्यक्ष कुलदीप कुमार तिवारी और आरक्षी अनुराग यादव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्राप्त वीडियो की जांच कराई गई, जिसमें स्पष्ट रूप से रुपये लेते हुए पुलिसकर्मी दिखाई दिए।
एसपी पलाश बंसल ने बताया कि इस प्रकरण की जांच सहायक पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में थाना बदौसा में नियुक्त आरक्षी अनुराग यादव द्वारा रुपये लेने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद यह कठोर कार्रवाई की गई। साथ ही संबंधित अधिकारियों पर विभागीय और अनुशासनात्मक जांच भी प्रारंभ कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद जनता में आक्रोश फैल गया। लोगों ने मांग की कि ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ न कर सके।
पुलिस अधीक्षक ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और ईमानदारी पुलिस की प्राथमिकता है। उन्हाेंने सभी थाना प्रभारियों को चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्ट आचरण पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।