हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ वीडियो 48 घंटे में हटाएं - YouTube और Meta को निर्देश

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर स्वामी रामभद्राचार्य से संबंधित विवादित और आपत्तिजनक वीडियो सामग्री को लेकर एक कड़ा और महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने यूट्यूब (Google LLC) और मेटा प्लेटफॉर्म्स (Meta Platforms, Inc.) को निर्देश दिया है कि ऐसी सामग्री को 48 घंटे के अंदर उनके प्लेटफॉर्म से हटाया जाए।

यह याचिका शरद चंद्र श्रीवास्तव और अन्य द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में यह दावा किया गया था कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर स्वामी रामभद्राचार्य से जुड़ी गलत, अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित की जा रही है, जो उनकी धार्मिक, सामाजिक और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में गूगल LLC और मेटा प्लेटफॉर्म्स को सीधे निर्देशित किया है। कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के भीतर संबंधित वीडियो या सामग्री नहीं हटाई जाती है, तो उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा है कि "डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को संविधान और क़ानूनी दायरे में रहकर काम करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति की धार्मिक, सामाजिक या व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री सहन नहीं की जाएगी।"
कोर्ट का यह आदेश ऑनलाइन कंटेंट मॉडरेशन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं के संदर्भ में एक अहम मिसाल माना जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को निर्धारित की गई है, तब तक यूट्यूब और मेटा को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।