कमला नेहरू वाटिका में काट डाले गए दर्जनों हरे पेड़, जिम्मेदारी से भाग रहे विभाग

मुजफ्फरनगर। शहर के बीचोंबीच स्थित कमला नेहरू वाटिका में पर्यावरण के साथ बड़ी लापरवाही सामने आई है। वाटिका में दर्जनों हरे-भरे पेड़ रातों-रात काट डाले गए, जबकि किसी भी विभाग ने अब तक इसकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है।

इसी तरह वन विभाग ने भी पेड़ों की कटाई की अनुमति या जानकारी से इंकार किया। बताया जा रहा है कि यह कार्य ‘सौंदर्यीकरण’ के नाम पर किया गया है और वहां किसी झीलनुमा तालाब का निर्माण प्रस्तावित बताया जा रहा है।
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यदि पेड़ काटने की आवश्यकता थी तो डीएफओ को प्रबंध समिति की ओर से प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए था, जिससे पेड़ों का मूल्यांकन कर वैध प्रक्रिया पूरी होती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पालिका और वन विभाग की इस कार्यशैली को लेकर पर्यावरण प्रेमी ठाकुर राजीव सिंह व उनके साथियों में गहरा रोष व्याप्त है।
लोगों का कहना है कि शहर में हरियाली की कमी पहले ही बढ़ रही है, ऐसे में हरे पेड़ों की कटाई एक गंभीर पर्यावरणीय अपराध है।