मेरठ में नहरों में पानी न आने से किसानों में रोष, भाकियू ने दी आंदोलन की चेतावनी
मेरठ। मेरठ के कई इलाकों में रजवाहों के टेल तक पानी न पहुंचने से किसानों की चिंता अब गुस्से में बदल रही है। नाराज किसानों ने भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी से मुलाकात कर कहा कि नहरों में अभी तक पानी नहीं आया है। खेत सूख चुके हैं और गेहूं की बुवाई अधर में लटकी है।
किसानों ने बताया कि 24 अक्टूबर को आयोजित किसान दिवस में सिंचाई विभाग ने जिलाधिकारी वीके सिंह के समक्ष आश्वासन दिया था कि 5 नवंबर तक नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा। लेकिन समय बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस है। किसान अब बुवाई के महत्वपूर्ण समय से गुजर रहे हैं, जबकि सिंचाई विभाग के अधिकारी आश्वासन से आगे नहीं बढ़ रहे। गंगा मेले से लौटे भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने किसानों की शिकायत सुनी तो वे भी भड़क उठे। उन्होंने जिलाधिकारी वी.के. सिंह से फोन पर दो टूक कहा कि अगर दो दिन में पानी नहीं छोड़ा गया तो किसान संगठन नहरों पर आंदोलन करेगा। चौधरी ने सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता विकास त्यागी को भी चेतावनी दी और कहा कि अब किसानों का सब्र का बांध टूटने वाला है।
जिलाधिकारी ने जिलाध्यक्ष को आश्वासन दिया कि वे स्वयं सिंचाई विभाग से बात कर जल्द समाधान कराएंगे। हालांकि, भाकियू नेताओं ने साफ कहा है कि अगर दो दिन में टेल तक पानी नहीं पहुंचा, तो नहरों पर धरना-प्रदर्शन और बड़ा आंदोलन तय है।अनुराग चौधरी ने कहा, “यह समय खेतों में मेहनत का है, लेकिन विभाग की लापरवाही से किसान हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अगर जल्द पानी नहीं पहुंचा, तो किसान सड़क से नहर तक संघर्ष करेगा।”किसानों ने भी स्पष्ट कहा कि अब वे पीछे हटने वाले नहीं हैं—जब तक नहरों में पानी नहीं बहता, आंदोलन जारी रहेगा।
