मेरठ: आजाद अधिकार सेना का धरना—दलित भूमि कब्ज़ा मुक्त, गंगा प्रदूषण रोकने और न्याय की मांग
मेरठ।ग्राम बेला व आसपास के क्षेत्रों में 1600 बीघा से अधिक दलित/ग्राम समाज भूमि पर अवैध कब्ज़े, गंगा प्रदूषण एवं दलित उत्पीड़न के विरोध में सोमवार को आयुक्त कार्यालय पर आजाद अधिकार सेना ने धरना प्रदर्शन किया।
आजाद अधिकार सेना के तत्वावधान में राष्ट्रीय संगठन मंत्री देवेंद्र सिंह राणा के निर्देश पर, ग्राम बेला, फतेहपुर प्रेम, माजरा बेला, छोटी चामरोधी एवं आसपास के क्षेत्रों में लगभग 1600 बीघा से अधिक ग्राम समाज/दलित भूमि पर वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्ज़ों, गंगा नदी में पोल्ट्री एवं केमिकल अपशिष्ट डालकर किए जा रहे गंभीर प्रदूषण, तथा पीड़ित दलित परिवारों को दी जा रही धमकियों के विरोध में आयुक्त कार्यालय, मेरठ मंडल के समक्ष धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया।
धरना आजाद अधिकार सेना के मेरठ मंडल अध्यक्ष मास्टर अब्दुल अजीज के नेतृत्व में ये धरना आयोजित किया गया। संगठन ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूर्णतः संवैधानिक, शांतिपूर्ण एवं अहिंसक है और जब तक पीड़ित दलित परिवारों को न्याय नहीं मिलता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
इस अवसर पर संगठन के पदाधिकारियों एवं बड़ी संख्या में पीड़ित ग्रामीणों की उपस्थिति रही।
धरना-प्रदर्शन में महिला मोर्चा, पूजा सिंह (मंडल), मोहन देव (मीडिया प्रभारी), सुरेंद्र कुमार कश्यप, शाहनवाज, सलीम राजपूत, नदीम चौधरी, महिला दक्षिण अध्यक्ष नाजमा अफजल सैफी, तिलक राम, एडवोकेट नरेंद्र शर्मा और नईमुद्दीन सहित अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
धरने के दौरान पीड़ित दलित परिवारों ने प्रशासन की लगातार उपेक्षा और वर्षों से न्याय न मिलने के कारण गहरे आक्रोश एवं मानसिक प्रताड़ना को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया। पीड़ितों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा 15 दिनों के भीतर अवैध कब्ज़ा हटाने, दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने एवं सुरक्षा प्रदान करने जैसी ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो विवश होकर पीड़ित परिवार आयुक्त कार्यालय के समक्ष आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। आजाद अधिकार सेना ने स्पष्ट किया कि संगठन किसी भी प्रकार की हिंसा या आत्मघाती कदम का समर्थन नहीं करता, किंतु यह चेतावनी प्रशासन की असंवेदनशीलता और न्याय से वंचित दलित परिवारों की अंतिम पीड़ा की अभिव्यक्ति है।
संगठन की प्रमुख मांगें-
1. दलित व ग्राम समाज भूमि को तत्काल कब्ज़ा-मुक्त कराया जाए।
2. गंगा नदी में प्रदूषण फैलाने वालों पर कठोर पर्यावरणीय कार्रवाई की जाए।
3. नामजद भूमाफियाओं के विरुद्ध SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट सहित सख्त धाराओं में FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए।
4. पीड़ित दलित परिवारों को तत्काल पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।
5. संलिप्त राजस्व व प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए।
आजाद अधिकार सेना ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
