सोमेंद्र तोमर का नाम लेकर नाक रगड़वाने के 'विकुल चपराणा कांड' का पटाक्षेप, बीजेपी नेताओं ने सर्किट हाउस में कराया समझौता
 
                 
              
                मेरठ। पूर्व भाजपा नेता विकुल चपराणा द्वारा कपड़ा कारोबारी सत्यम रस्तोगी से राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर का नाम लेकर नाक रगड़वाने के मामले में आखिरकार समझौता हो गया है। इस विवाद ने गुर्जर वर्सेस वैश्य समुदाय में बढ़ती खाई के चलते भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। पार्टी के शीर्ष जनप्रतिनिधियों ने गुरुवार देर शाम सर्किट हाउस में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर लिखित समझौता करा दिया।
सभी पक्षों ने हस्ताक्षर कर कानूनी कार्रवाई से किया इनकार
समझौता बैठक में सत्यम रस्तोगी के पिता, विकुल चपराणा के मामा रणपाल, हैप्पी भड़ाना के चाचा पार्षद भारत भड़ाना, और अन्य आरोपियों के परिजन मौजूद रहे।
-   सहमति: सभी पक्षों ने आपस में सहमति जताते हुए भविष्य में किसी भी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया है और समझौतानामा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। 
-   रंगदारी की धाराएं गलत: सत्यम रस्तोगी के पिता ने एसएसपी के नाम एक एफिडेविट भी तैयार कराया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मुकदमे में जोड़ी गई रंगदारी और धमकाने की धाराएं गलत हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए। 
-   जेल से रिहाई: बताया जा रहा है कि इस समझौते के बाद विकुल चपराणा और उनके साथी 3 नवंबर को जेल से बाहर आ जाएंगे। देखे समझौते का पत्र-  
पुलिस पर गिरी थी गाज
बता दें कि 19 अक्टूबर को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया था, क्योंकि यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई थी। इस लापरवाही के चलते मेडिकल थाना प्रभारी शीलेष को सस्पेंड कर दिया गया था, वहीं तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया था।
हिंदू वोट को बटने से बचाने के लिए मध्यस्थता
इस विवाद ने गुर्जर और वैश्य समाज के बीच तनाव बढ़ा दिया था, जिसके चलते पार्टी की मुश्किलें बढ़ रही थीं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हिंदू वोट के संभावित बँटवारे को रोकने के लिए इस मामले को जल्द सुलझाना जरूरी समझा।
समझौता कराने वाली टीम में सांसद अरुण गोविल, मंत्री दिनेश खटीक, विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, नवीन गुप्ता (मेरठ व्यापार संगठन), राकेश रस्तोगी (रस्तोगी समाज अध्यक्ष), और संयुक्त गुर्जर परिसंघ की तरफ से भोपाल सिंह गुर्जर सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे।
इससे पहले, रालोद नेता विनय प्रधान के घर भी गुर्जर नेताओं की बैठक हुई थी, जिन्होंने स्वयं मध्यस्थता करते हुए बिरादरी के लोगों से बात की थी।
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