गन्ना मूल्य वृृद्धि पर भड़के मेरठ के किसान, बोनस की मांग तेज
मेरठ। योगी सरकार द्वारा गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद मेरठ में किसानों ने इसको नाकाफी बताया है। किसानों का कहना है कि गन्न मूल्य में ये वृद्धि लागत के मुकाबले काफी कम है। प्रदेश सरकार ने गन्ना का मूल्य अगेती प्रजाति के लिए 400 रुपये और सामान्य प्रजाति के लिए 390 रुपये प्रति क्विंटल किया है। हालांकि सरकार ने इसे किसानों के हित में बड़ा कदम बताया है।
लेकिन गन्ना किसानों के बीच इस फैसले से असंतोष की लहर देखी जा रही है। किसानों का कहना है कि यह वृद्धि लागत के मुकाबले बहुत कम है और इससे उनका वास्तविक लाभ नहीं होने वाला। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) मेरठ के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि यह मूल्य वृद्धि 'नाम मात्र' की है। उन्होंने बताया कि गन्ना खेती में खर्च तेजी से बढ़ा है। दवाइयों, कीटनाशकों, खाद, मजदूरी और डीजल के दामों में भारी इजाफा हुआ है। इसके अलावा गन्ने की फसल पर रोगों के हमले और घटती उपज ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। ऐसे में मौजूदा 400 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य किसानों की लागत भी मुश्किल से निकाल पा रहा है।
अनुराग चौधरी ने कहा, हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन यह किसान के हित में पर्याप्त नहीं है। गन्ना मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाना चाहिए था। साथ ही सरकार को चाहिए कि वह किसानों को बोनस के रूप में 50 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त सहायता प्रदान करे।” भाकियू जिलाध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने बोनस देने और मूल्य पुनर्विचार की दिशा में कदम नहीं उठाया, तो संगठन प्रदेश भर में आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसान प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और जब तक उनकी लागत के अनुपात में लाभ नहीं मिलेगा, तब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं हो सकती। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा,किसानों की यह मांग है कि बोनस के माध्यम से उन्हें राहत दी जाए, ताकि वे कर्ज के बोझ से मुक्त होकर आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाते हुए प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें।
