अब्दुल्ला आजम के फर्जी पासपोर्ट केस में फैसला आज: दो जन्मतिथि, दो पासपोर्ट और 6 साल पुरानी एफआईआर पर कोर्ट की नजर
Abdullah Azam News: एमपी-एमएलए कोर्ट आज रामपुर के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के बहुचर्चित फर्जी पासपोर्ट मामले में फैसला सुनाएगा। इस केस में अंतिम बहस पूरी हो चुकी है और अदालत आज अपने निर्णय को सार्वजनिक करेगी। अदालत परिसर में सुबह से ही मीडिया और राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है।
2019 की एफआईआर, भाजपा विधायक ने लगाए थे गंभीर आरोप
दो जन्मतिथि वाले दो पासपोर्ट, एक सत्य एक संदिग्ध
एफआईआर के अनुसार, अब्दुल्ला आजम ने एक पासपोर्ट 1 जनवरी 1993 की जन्मतिथि के आधार पर बनवाया, जो उनके शिक्षा अभिलेखों में दर्ज तारीख से मेल खाती है। दूसरा पासपोर्ट 30 सितंबर 1990 की जन्मतिथि पर जारी किया गया, जिसे अभियोजन पक्ष फर्जी मानता है। यह दूसरा पासपोर्ट 10 जनवरी 2018 को जारी हुआ था और बाद में गलत जानकारी पाए जाने पर जब्त कर लिया गया था।
2021 में आरोप तय, मामला कोर्ट में आगे बढ़ा
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 9 सितंबर 2021 को अब्दुल्ला आजम के खिलाफ आरोप तय किए थे। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी है। इसके बाद से ही इस केस का फैसला राजनीतिक और कानूनी दोनों दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
हाईकोर्ट में याचिकाएं खारिज, सुनवाई जारी रखने का निर्देश
अब्दुल्ला आजम ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की थीं। जुलाई 2025 में हाईकोर्ट ने उनकी सभी याचिकाएं खारिज कर दीं और निचली अदालत को सुनवाई आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। इस आदेश के बाद केस की सुनवाई तेज हो गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी राहत नहीं दी, एफआईआर रद्द करने की मांग खारिज
हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नवंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत सबूतों के आधार पर आज़ाद तरीके से फैसला सुनाएगी और किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जेल में हैं अब्दुल्ला आजम और उनके पिता, फैसले से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
वर्तमान में अब्दुल्ला आजम अपने पिता आजम खान के साथ जेल में हैं। फैसले के दिन रामपुर समेत पूरे प्रदेश में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। यह केस प्रदेश की राजनीति में एक लंबे समय से केंद्र में रहा है और आज का फैसला कई सियासी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
