जीएसटी चोरी पर बड़ी सख्ती: नई और संदिग्ध फर्मों पर राज्यकर विभाग का शिकंजा, रिटर्न से ई-वे बिल तक हर लेनदेन जांच
Moradabad News: प्रदेश में 1,970 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 368 करोड़ की जीएसटी चोरी सामने आने के बाद राज्यकर विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। बोगस फर्मों के नेटवर्क द्वारा किए गए इस बड़े फर्जीवाड़े के बाद अब नई और संदिग्ध फर्मों पर व्यापक जांच शुरू हो चुकी है।
एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली फर्में जांच दायरे में शामिल
बिना फिजिकल यूनिट वाली फर्में सबसे ज्यादा संदिग्ध
जिन नई फर्मों का चयन जांच के लिए किया गया है, उनमें कई ऐसी संस्थाएं शामिल हैं जिनकी कोई वास्तविक व्यापारिक इकाई (फिजिकल सेटअप) नहीं पाया गया। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि फर्में केवल बिलिंग के लिए बनाई गईं और वास्तविक व्यापार नहीं हो रहा।
दस्तावेजों, डिजिटल ट्रांजैक्शन और रिटर्न का क्रॉस-मिलान जारी
राज्यकर विभाग ने इन फर्मों की पूरी वित्तीय संरचना की जांच शुरू कर दी है। पारंपरिक दस्तावेजों से लेकर पोर्टल पर अपलोड किए गए रिटर्न, डिजिटल लेनदेन और बैंकिंग रिकॉर्ड-सबका गहन ऑडिट किया जा रहा है। अधिकारियों को 25-25 फर्मों की जांच का जिम्मा दिया गया है।
पहली बार इतने बड़े पैमाने पर समानांतर जांच
यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में फर्मों की एक साथ भौतिक व दस्तावेजी जांच हो रही है। अधिकारियों को न केवल जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी रिटर्न की जांच करनी है, बल्कि ई-वे बिल, परिवहन विवरण और मोबाइल नंबरों की भी सत्यता परखनी है।
लोकेशन और बैंक खातों की भी जांच
अधिकारियों के मुताबिक, फर्जी फर्में अक्सर ऐसे मोबाइल नंबरों से पंजीकृत होती हैं जो कुछ समय बाद निष्क्रिय हो जाते हैं। इसलिए इस बार नंबरों की सक्रियता, स्थान और उनसे जुड़े बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, ताकि फर्जीवाड़े का पूरा नेटवर्क पकड़ा जा सके।
अचानक बढ़े टर्नओवर और भारी ITC क्लेम वाली फर्में निशाने पर
कम समय में करोड़ों के टर्नओवर और भारी आइटीसी क्लेम करने वाली फर्मों की विशेष निगरानी की जा रही है। विभाग यह भी जांच रहा है कि क्या किसी बड़ी फर्म ने टैक्स बचाने के लिए इन संदिग्ध नई फर्मों से खरीद का कागजी खेल किया है।
पुराने रिकॉर्ड खंगालने से फिर खुलेंगे कई पुराने घोटाले
केंद्रीय जीएसटी में पंजीकृत फर्मों का पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। पहले भी कई मामलों में आईटीसी गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है, इसलिए आशंका है कि कुछ फर्में अभी भी उसी नेटवर्क से जुड़ी हो सकती हैं।
राज्यकर विभाग का दावा-इस जांच में कई घपलेबाज फंसेंगे
राज्यकर एसआईबी ग्रेड-2 अपर आयुक्त आर.ए. सेठ ने कहा कि इस जांच का उद्देश्य वास्तविक और कागजी कारोबार में अंतर को स्पष्ट करना है। ई-वे बिल और रिटर्न मिलान से साफ पता चलेगा कि माल वास्तव में परिवहन हुआ भी या केवल कागजों में दिखाया गया।
भविष्य में फर्जी फर्में खोलने से पहले व्यापारी सौ बार सोचेंगे
अधिकारियों ने कहा कि इस बड़े स्तर की जांच से न केवल पुराने घोटालों का जाल सामने आएगा, बल्कि भविष्य में भी कोई व्यापारी फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने से पहले कई बार सोचेगा। आने वाले दिनों में जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
मुरादाबाद जोन में 25-25 फर्मों की जांच का जिम्मा
अपर आयुक्त ग्रेड-वन अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सेंट्रल जीएसटी की फर्मों की जांच शुरू करा दी गई है। मुरादाबाद जोन में खंडवार अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, जिनके द्वारा भौतिक सत्यापन से लेकर बिलों की जांच तक कई स्तरों पर कार्रवाई चल रही है।
