बंद कमरे का खौफनाक सच: खानुपुरा गांव में अवधेश यादव ने लगाई फांसी, कुछ साल पहले पत्नी भी कर चुकी थी सुसाइड
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में राष्ट्रीय परिवर्तन दल (रापद) के जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव के परिवार में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। जिलाध्यक्ष के भाई, अवधेश यादव (40) ने जीवन की चुनौतियों से हार मानते हुए आत्महत्या कर ली। यह दुखद घटना संभल के थाना कैलादेवी क्षेत्र के खानुपुरा गांव में हुई।
जब घर पर कोई नहीं था: बंद कमरे में रस्सी का फंदा लगाकर दी जान
आत्महत्या की यह घटना मंगलवार को तब हुई, जब घर पर परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। इसी दौरान, अवधेश ने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद किया और लोहे के हुक में रस्सी का फंदा लगाकर फांसी लगा ली। कुछ देर बाद जब परिवार के सदस्य घर लौटे, तो उन्होंने अवधेश को फंदे पर लटका पाया।
इस भयावह दृश्य को देखकर परिवार में चीख-पुकार मच गई। परिजनों ने तुरंत फंदा काटकर शव को नीचे उतारा। हालांकि, परिवार ने पुलिस को इस घटना की सूचना नहीं दी और बुधवार को ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि अवधेश कई दिनों से बहुत परेशान थे और अक्सर गुमसुम रहते थे।
रापद परिवार में शोक की लहर: जिलाध्यक्ष के भाई थे अवधेश यादव
मृतक अवधेश यादव राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परिवार से ताल्लुक रखते थे, वे राष्ट्रीय परिवर्तन दल (रापद) के संभल जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव के छोटे भाई थे। यह दल बाहुबली नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद एवं मंत्री डीपी यादव के नेतृत्व में संचालित होता है।
अवधेश की इस आकस्मिक मौत से न केवल उनका परिवार बल्कि राष्ट्रीय परिवर्तन दल के स्थानीय कार्यकर्ता और समर्थकों में भी शोक की लहर दौड़ गई है। सभी ने अवधेश के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की परवरिश और अकेलेपन के चलते होने वाले मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की गंभीरता को उजागर किया है।
