सहारनपुर में शैलो एक्वीफर मैनेजमेंट पर कार्यशाला, भूजल संरक्षण पर जोर

सहारनपुर। अमृत 2.0 के अंतर्गत राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) व पीपुल्स साइंस इन्स्टीट्यूट देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में ‘शैलो एक्वीफर मैनेजमेंट’(उथले जलभृत प्रबंधन) पर आयोजित कार्यशाला में गिरते भूजल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए भूगर्भ जल स्तर को बनाये रखने के लिए समन्वित रुप से कार्य करने पर जोर दिया गया।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ. अजय कुमार ने वाटर हार्वेस्टिंग पर विस्तार से बात करते हुए जल संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तालाबों के पुनरोद्धार से जल स्तर को बनाये रखा जा सकता है। नगर निगम इस दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। अनेक तालाबों का निगम द्वारा व आईटीसी द्वारा पुनरोद्धार किया गया है। महापौर ने प्रधानमंत्री मोदी के अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ का उल्लेख करते हुए वृक्षारोपण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह शैलो सूख रहे हैं, वह चिंता का विषय हैं। इसके लिए जरुरी है सब लोग मिलकर काम करें।
महाप्रबंधक जल पुरुषोत्तम कुमार ने ‘शैलो एक्वीफर मैनेजमेंट’ पर जानकारी देते हुए कहा कि यह एक शहरी और ग्रामीण जलप्रबंधन तकनीक है, जिसका उद्देश्य वर्षा जल का उपयोग कर पानी निकालने की दर को नियंत्रित करना है ताकि भूजल स्तर को बनाये रखा जा सके। उन्होंने इसके लिए तालाबों और कुंओं के पुनरोद्धार पर जोर दिया। एनआईयूए की ओर से अनिरुद्ध ने पावर प्वाइंट के माध्यम से शैलों की जानकारी देते हुए धनबाद, ग्वालियर व अन्य शहरों में किये कार्याे का उल्लेख किया।
पीपुल्स इन्स्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ एस के बरतरिया व मुख्य पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अनिल गौतम द्वारा सहारनपुर की हाइड्रोलॉजी के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। भूगोलविद् डॉ. पी के शर्मा ने भी उक्त विषय पर विचार व्यक्त करते हुए अनेक सुझाव दिए। कार्यशाला में अधिशासी अभियंता जल वी बी सिंह, नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ. प्रवीण शाह, अधिशासी अभियंता सिंचाई रामबाबू, कर निर्धारण अधिकारी श्रुति माहेश्वरी, सहायक अभियंता विपुल कुमार व एसडीए के एई शमीम अहमद सहित निगम के अनेक अधिकारी शामिल रहे।