सहारनपुर में 208वीं जयंती पर सर सैय्यद अहमद खान को सम्मानित करते हुए डॉ. जाने आलम ने शिक्षा और जागरूकता पर जोर दिया
                 
              
                सहारनपुर। भूतपूर्व सचिव नागालैंड सरकार व आईएएस डॉक्टर जाने आलम ने कहा कि सर सैयद अहमद खान द्वारा प्रज्जवलित दीप हमेशा हमारा मार्गदर्शन करेगा, हमारे विचारों को प्रेरित करेगा, और याद दिलाएगा कि एक जागरूक व्यक्ति लाखों लोगों के भाग्य को बदल सकता है। उन्होंने शिक्षा, लगन और नैतिक उद्देश्य की शक्ति पर प्रकाश डाला, जो व्यक्ति को उसके सपनों की प्राप्ति में सक्षम बनाती है।
डॉक्टर जाने आलम आज यहां एक स्थानीय होटल के सभागार में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 208वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम अभी भी बहुत पिछड़े हुए हैं, जिस पर बहुत काम किए जाने की आवश्यकता है। रामपुर से आये अल्लामा सैय्यद अब्दुल्ला तारिक ने कहा कि सर सैय्यद न सिर्फ एक शिक्षा विद् और दार्शनिक थे, अपितु एक समाज सुधारक और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अलीगढ़ से आए विशिष्ट अतिथि डॉक्टर आजम मीर ने कहा कि मुस्लिम में प्राइमरी शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई में बहुत ज्यादा ड्रॉप आउट है।
जागरूकता कार्यक्रम करके छात्रों को दाखिले में सहायता के साथ कैरियर गाइडेंस भी दी जानी चाहिए। इस्लामिया ब्वॉयज इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य जलाल उमर ने कहा कि सर सैय्यद ने मुसलमानो में वैज्ञानिक सोच को विकसित के लिए साइंटिफिक सोसाइटी का गठन किया, जो उस समय के अंधविश्वासी समाज के लिए बहुत जरूरी था। डॉक्टर शाहिद ज़ुबैरी ने कहा कि सर सैय्यद जैसा कोई व्यक्ति पैदा नही हुआ, जो अपनी सोच से बहुत आगे थे। एएमयू एलुमनाई एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉक्टर कुदसिया अंजुम ने कहा कि एसोसिएशन ड्रॉप आउट बच्चों की मदद के लिए एक सैंटर चला रही है और छात्रों को कैरियर गाइडेंस भी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सर सैय्यद को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब देश का हर बच्चा शिक्षित हो जाए। एएमयू एलुमनाई एसोसिएशन की सेक्रेटरी सुबूही इफ्तिखार और अनस इकबाल ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में अतिथियों को मोमेंटो और सिपास नामा पेश किया गया। कार्यक्रम में डाक्टर अयूब, आसिफ, नदीम, मुस्तजाब, राहिना शाद, सिकंदर हयात, सिराज, जमील, मानवी, जहांगीर, अनीस समेत बड़ी संख्या में अलीगढ़ के छात्र-छात्राएं व लोग मौजूद रहे।
