Wheat Farming Tips: गेहूं की खेती करने वालों के लिए जरूरी खबर, फ्लैग लीफ की अनदेखी से हो सकता है बड़ा नुकसान
अगर आप इस समय गेहूं की खेती कर रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। गेहूं की फसल की सेहत ही आपकी पैदावार तय करती है और इस दौर में सबसे अहम भूमिका फ्लैग लीफ निभाती है। अगर इस पत्ती की सही देखभाल नहीं की गई तो पौधों में पीलापन आ सकता है और रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है जिससे सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है।
गेहूं की फ्लैग लीफ क्यों होती है इतनी जरूरी
इस समय हल्की सिंचाई का रखें खास ध्यान
गेहूं की फसल के लिए यह समय पहली सिंचाई के लिहाज से बहुत अहम होता है। इस दौरान बहुत ज्यादा पानी देने से बचना चाहिए। हल्की और समय पर की गई सिंचाई से पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और पत्तियों में पीलापन आने का खतरा कम हो जाता है। सिंचाई के वक्त खेत में जल भराव न होने दें क्योंकि इससे रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
संतुलित उर्वरक से मिलेगी फ्लैग लीफ को ताकत
फ्लैग लीफ की अच्छी ग्रोथ के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरक देना बेहद जरूरी है। सिर्फ नाइट्रोजन पर निर्भर रहना सही नहीं होता। फसल को पूरी ताकत देने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति भी जरूरी है। सही मात्रा में पोषण मिलने से पत्तियां हरी रहती हैं और पौधे की बढ़वार बेहतर होती है।
सूक्ष्म पोषक तत्व कैसे बचाते हैं फसल
इस समय गेहूं की फसल में सल्फर जिंक और पोटाश जैसे पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देनी चाहिए। इन तत्वों से पौधों की ठंड सहने की क्षमता बढ़ती है और पत्तियों में मजबूती आती है। इससे फसल रोगों से भी सुरक्षित रहती है और दानों का विकास अच्छा होता है।
खरपतवार नियंत्रण से बचाएं फसल का पोषण
खेत में उगने वाले खरपतवार गेहूं के पौधों से पोषण छीन लेते हैं। अगर समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो फसल कमजोर हो सकती है। इसलिए इस समय खरपतवार नियंत्रण करना भी बहुत जरूरी है ताकि मुख्य फसल को पूरा पोषण मिल सके और उसका विकास सही तरीके से हो।
सही समय पर देखभाल से मिलेगा बेहतर उत्पादन
अगर किसान इस समय हल्की सिंचाई संतुलित उर्वरक सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान दे देते हैं तो गेहूं की फसल मजबूत बनती है। फ्लैग लीफ स्वस्थ रहती है और इसका सीधा असर पैदावार पर दिखाई देता है। थोड़ी सी सावधानी आगे चलकर अच्छा मुनाफा दिला सकती है।
Disclaimer यह लेख केवल सामान्य कृषि जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। फसल से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले स्थानीय कृषि सलाह और विशेषज्ञों की राय अवश्य लें।
