मुजफ्फरनगर में क्रॉप सर्वे को लेकर बवाल, कृषि विभाग ने किया इनकार, राजस्व विभाग पर डाली जिम्मेदारी
मुज़फ्फरनगर। जिले में कृषि और राजस्व विभाग के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। क्रॉप सर्वे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले कृषि विभाग के अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जताई और क्रॉप कटिंग सर्वे का कार्य करने से इनकार कर दिया। ममता […]
मुज़फ्फरनगर। जिले में कृषि और राजस्व विभाग के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। क्रॉप सर्वे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले कृषि विभाग के अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जताई और क्रॉप कटिंग सर्वे का कार्य करने से इनकार कर दिया।
कृषि विभाग के अधिकारियों का साफ कहना है कि क्रॉप सर्वे का काम राजस्व विभाग के लेखपालों की जिम्मेदारी है। कृषि विभाग पहले से ही सरकार की 21 योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यस्त है और उस पर अतिरिक्त कार्यभार नहीं डाला जाना चाहिए।
इस मुद्दे को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर एक ज्ञापन सौंपा और अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि संसाधनों और जनशक्ति की कमी के चलते इस तरह की अतिरिक्त जिम्मेदारियों को निभाना संभव नहीं है।
अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के पूर्व जिला मंत्री सोमपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में जो डिजिटल क्रॉप सर्वे प्रक्रिया लागू की गई है, उसमें राजस्व विभाग के लेखपालों को माल कार्य और खसरा पड़ताल से मुक्त रखा जा रहा है। जबकि कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों को इसमें अनावश्यक रूप से लगाया जा रहा है।
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उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विभाग पहले से ही स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है और ऐसे में राजस्व विभाग का काम उन पर डालना अन्यायपूर्ण है। अधिकारी चाहते हैं कि शासन इस मामले में स्पष्ट निर्देश जारी करे और क्रॉप सर्वे का दायित्व उसी विभाग को सौंपे, जिसके अंतर्गत यह कार्य आता है।
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