सिसौली में किसान महापंचायत: उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने किया बलजोरी देवी कक्ष का भूमि पूजन

मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन की धरती मानी जाने वाली सिसौली में एक बार फिर किसान एकता और सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन हुआ। यहां आयोजित किसान महापंचायत में जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी विशेष रूप से शामिल हुए। इस दौरान स्वर्गीय बलजोरी देवी कक्ष का भूमि पूजन भी किया गया, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष […]
मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन की धरती मानी जाने वाली सिसौली में एक बार फिर किसान एकता और सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन हुआ। यहां आयोजित किसान महापंचायत में जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी विशेष रूप से शामिल हुए। इस दौरान स्वर्गीय बलजोरी देवी कक्ष का भूमि पूजन भी किया गया, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने नेतृत्व किया।
महापंचायत में देशभर से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे। किसानों ने अपनी समस्याओं को मुखरता से उठाते हुए सरकार को चेताया कि अब और अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बिजनौर में गंगा में छलांग लगाकर BSF जवान ने बेटे संग दी जान, पत्नी चार दिन पहले कूदी थी नदी में
महापंचायत के दौरान नरेश टिकैत ने कहा कि यह आयोजन केवल एक सभा नहीं, बल्कि किसानों के अधिकारों की पुकार है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों की मांगें सुनने और उन पर तुरंत कार्यवाही की मांग की। उन्होंने बहादराबाद टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि किसानों पर इस तरह की बर्बरता निंदनीय है। किसान सिर्फ अपने हक की मांग कर रहे थे और उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा।
“सहारनपुर में खौफनाक वारदात: प्रेमी ने प्रेमिका के पति को चाकू मारकर उतारा मौत के घाट”
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सिसौली केवल एक गांव नहीं, बल्कि भारत के किसान आंदोलन की आत्मा है। उन्होंने दिवंगत चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के किसानों को एकजुट होने की राह दिखाई।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही उनकी मांगों को लेकर ठोस निर्णय लिए जाएंगे।
मुजफ्फरनगर परिक्रमा एक- रामलीला टिल्ला और हनुमान पुरी, जाने क्या है जनता की राय !
महापंचायत में किसानों ने एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें किसानों पर किए गए दमन, टोल पर दुर्व्यवहार, फसलों के उचित मूल्य और ऋणमाफी जैसी मांगें प्रमुख रूप से रखी गईं। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !