लखनऊ में PET-2025 में MBBS डॉक्टर समेत 3 गिरफ्तार, फर्जी परीक्षार्थी पकड़ने का खुलासा

लखनऊ - PET-2025 परीक्षा के दौरान पुलिस ने बड़ा खुलासा किया। MBBS डॉक्टर अमित गुप्ता और दो अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। बिहार से आए रवीश कुमार ने दूसरे की जगह परीक्षा दी, पकड़े जाने के बाद उसने डॉक्टर और तीसरे आरोपी को भी उजागर किया।
लखनऊ के जियामऊ स्थित जीजीआईसी सेंटर में PET-2025 परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक और आइरिस स्कैनिंग के दौरान एक फर्जी परीक्षार्थी पकड़ा गया। सुमित यादव की जगह पर परीक्षा दे रहा युवक रवीश कुमार (बिहार, शेखपुरा) था। उसके पास सुमित के आधार कार्ड पर फोटो बदलकर बनाए फर्जी दस्तावेज मिले।
स्थानीय स्टैटिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार वर्मा की तहरीर पर गौतमपल्ली थाने में धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। रवीश कुमार के साथ-साथ वास्तविक परीक्षार्थी सुमित यादव और इस नेटवर्क के अन्य सदस्य भी जांच में शामिल हैं।
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तीन मुख्य आरोपी:
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डॉ. अमित गुप्ता, बलिया के बांसडीह CHC में तैनात MBBS डॉक्टर, नेटवर्क का ‘बॉस’।
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रवीश कुमार, शेखपुरा, बिहार, फर्जी परीक्षार्थी।
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विकास ताती, जमुई, बिहार, तकनीकी जिम्मेदार, आधार कार्ड और OMR में हेरफेर।
इस गिरोह का नेटवर्क यूपी की प्रतियोगी परीक्षाओं में सक्रिय था। महाराष्ट्र के सोलापुर की गैंग के इनपुट्स से STF और पुलिस ने निगरानी बढ़ाई। जांच में पता चला कि डॉक्टर अमित उम्मीदवारों से संपर्क करता, फीस तय करता और फर्जीवाड़े की योजना बनाता था। विकास ताती तकनीकी मामलों में मदद करता था।
पुलिस और STF की टीम अब मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच कर रही है। यह मामला प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के खिलाफ चेतावनी भी बन गया है।
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