आगरा में यमुना खतरे के निशान से पांच फीट ऊपर, यमुना का पानी शहर में घुसा

आगरा । पिछले दिनों पहाड़ी इलाकों, दिल्ली आदि क्षेत्रों में भारी वर्षा और हथिनी कुंड, ओखला और गोकुल बैराज से लगातार पानी छोड़ने के बाद आगरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 5 फीट से ऊपर पहुंच गया है। यमुना के किनारे बसे गाँवों में पानी घुस गया है और खेत जलमग्न हो गये हैं। यमुना नदी का पानी ताजमहल की दीवार से टकराने लगा है। प्रभावित लोगों को दूसरी जगह ले जाया गया है। शहरी क्षेत्र में भी लगातार बारिश और यमुना नदी के लगातार बढ़़ रहे जल स्तर से कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। आगरा नगर में यमुना के किनारे दयालबाग, एत्मादौला, ताजगंज क्षेत्र के मोहल्ले के सम्पर्क मार्ग पानी से डूब गए हैं।
आज सोमवार को बाढ़ का पानी आगरा यमुना किनारा, हाथी घाट और बेलन कुंज की मुख्य सड़कों और रिहायशी इलाकों में भी प्रवेश कर गया।यमुना में खतरे का निशान 495 फीट पर है जबकि यमुना इस समय खतरे के निशान से 5 फीट ऊपर 500.5 फ़ीट पर बह रही है। यमुना की बाढ़ से आगरा के एत्मादपुर, सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र में 50 से अधिक गांव प्रभावित हैं। कैलाश, नगला पैमा, नगला तल्फी, नाहरगंज रहनकला, बुढ़ाना, नगला कटा, शाहिदपुर, वीरपुरा, पारौली, बिचौला, गिदरौन, भरापुरा, नगला धीमर, आदि यमुना के किनारे बसे गाँवों में ढाई से तीन फीट तक पानी भर गया है। बाढ़ के पानी में फंसे लोग अन्य स्थानों पर जा रहे हैं, कुछ गांव में लोग अभी बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं जिनको राहत एवं बचाव टीम बाहर निकालने के लिए काम कर रही हैं। बाढ़ के पानी में फंसे लोगों और पशुधन के लिए राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की टीमे लगी हुई हैं। अनुमात: लगभग 2000 बीघा फसलें बर्बाद हो गई हैं। खेतो में बनी कई झोपड़ियां भी पानी में समा चुकी हैं।
यमुना के बढ़े जलस्तर से धार्मिक और अंतिम संस्कार के कार्य भी प्रभावित हैं, दयालबाग क्षेत्र में पोइया घाट स्थित शमशान घाट में पानी भर गया है और केवल एक चितास्थल को छोड़कर बाकी सभी डूब गए हैं। बल्केश्वर घाट का काली भैरा मंदिर जलमग्न हो चुका है। ताजगंज का मोक्षधाम पूरी तरह डूब चुका है। ताजमहल की दीवार से यमुना का पानी टकरा रहा है, ताजमहल के पास चंद्रशेखर पार्क में पानी भर गया है। दशहरा घाट की सीढ़ियां और प्लेटफार्म भी पानी में डूब गए हैं। यमुना का पानी ताजमहल की बाउंड्री तक पहुंच चुका है। यमुना नदी के किनारे आगरा के प्राचीन औरत महत्वपूर्ण शिव मंदिर कैलाश मंदिर बलकेश्वर मंदिर बटेश्वर में शिव मंदिरों की श्रृंखला में मुख्य शिवलिंगों तक पानी आ चुका है।
1978 में यमुना नदी में आई बाढ़ में यमुना का जलस्तर 508 फीट तक पहुंच गया था। इसके बाद से अब यमुना नदी का जलस्तर 500 फीट से ऊपर पहुंच चुका है 1978 की बाढ़ में भी यमुना नदी का पानी यमुना किनारा हाथी घाट बेलनगंज मोतीगंज क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। उल्लेखनीय है कि आगरा में यमुना किनारा, मोतीगंज, जीवनी मंडी ट्रांसपोर्ट और गल्ला मंडी के पुराने व्यापारिक क्षेत्र हैं इन क्षेत्रों में पानी पहुंचने से व्यापारियों में खलबली व दहशत का माहौल है।
ए एस आई की ओर से आगरा ताजमहल पर तैनात वरिष्ठ पर्यवेक्षण सहायक प्रिंस बाजपेई का कहना है कि हालांकि यमुना नदी का पानी ताजमहल की दीवार तक आ गया है लेकिन ताजमहल की नींव को इससे खतरे की सम्भावना नहीं है। क्योंकि ताजमहल की नींव में जिस लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है वह पानी में भी नींव को मजबूती देती है। फिर भी दीवारों में सीलन का खतरा हो सकता है। इस सम्बंध में रिपोर्ट तैयार कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजी जा रही है, तदनुसार कार्रवाई की जाएगी।
ए डी एम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि प्रशासन ने लोगों के नदी किनारे जाने और नाव संचालन पर रोक लगा दी है। बाढ़ के पानी से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मुनादी की जा रही है,लोगों को एडवाइजरी दी गई है कि अपने साथ अपनी पहचान पत्र,जरूरी कागजात और दवाइयां रखें बाढ़ में फंसे होने पर वह ऊंचे स्थानों पर अपने पशुओं सहित पहुंचे प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है और पूरी मुस्तादी से राहत एवं बचाव कार्य में लगा हुआ है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुधन विभाग, राजस्व, नगर निगम एवं अन्य संबंधित विभाग वार्ड प्रभावित क्षेत्रों में अपने संसाधनों पहुंच चुके हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है ।
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