नौसेना कमांडरों ने ऑपरेशनों की तैयारी, समुद्री सुरक्षा और क्षमता बढाने पर दिया जोर

नयी दिल्ली। नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने भविष्य की चुनौतियों से निपटने तथा नौसेना को हर तरह से सक्षम बनाने के लिए आकस्मिक अभियानों की तैयारी, समुद्री सुरक्षा , क्षमता बढाने और तीनों सेनाओं के एकीकरण पर जोर दिया है। नौसेना ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि उसके शीर्ष कमांडरों के शुक्रवार को यहां संपन्न तीन दिन के सम्मेलन में शीर्ष नेतृत्व ने विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और आकस्मिक अभियानों की तैयारी, समुद्री सुरक्षा, क्षमता बढाने और तीनों सेनाओं के एकीकरण को महत्वपूर्ण बताते हुए इन पर बल दिया।

नौसेना प्रमुख ने सम्मेलन में बदलते भू-रणनीतिक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए तैयारी, अनुकूलन क्षमता और क्षेत्रीय जुड़ाव के माध्यम से राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा में नौसेना की भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने नौसेना को "कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल" बताते हुए हाल के अभियानों में की गयी तैनाती, क्षमता वृद्धि और संयुक्त मिशनों की सराहना की। उन्होंने नवाचार , प्रौद्योगिकी और आईडेक्स पहलों से प्रेरित होकर 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर नौसेना बनने की दिशा में हुई प्रगति पर भी जोर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कमांडरों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय हितों की रक्षा में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और इसकी उच्च स्तरीय अभियानगत तैयारी और मजबूत प्रतिरोधक क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की उपस्थिति मित्र देशों के लिए चैन की और उन लोगों के लिए बेचैनी का सबक है जो इस क्षेत्र को अस्थिर करना चाहते हैं। उन्होंने दोहराया कि आत्मनिर्भर नौसेना आत्मविश्वास से भरे और शक्तिशाली राष्ट्र की नींव है, और स्वदेशी उपकरणों के माध्यम से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों ने इसे आत्मनिर्भरता का ध्वजवाहक बना दिया है। उन्होंने विरोधियों को मात देने के लिए प्रौद्योगिकी और रणनीति को मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने आधुनिक युद्ध में बिना चालक दल वाली और स्वायत्त प्रणालियों के महत्व पर भी प्रकाश डाला
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष , वायु सेना प्रमुख और कैबिनेट सचिव ने भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत की।
सम्मेलन के दौरान नौसेना से संबंधित पांच प्रकाशन जैसे नौसेना आयुध सेवा के लिए विनियम, जीईएम हैंडबुक और विदेश सहयोग रोडमैप जारी किए गए। इसके अलावा, एक वन-स्टॉप-सॉल्यूशन पोर्टल 'निपुण' (नेवल इंटेलेक्चुअल पोर्टल फॉर यूनिफाइड नॉलेज) लॉन्च किया गया जो अलग-अलग क्षेत्रो में नौसेना के कर्मियों बौद्धिक काम को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ेगा।
सम्मेलन के दौरान 'सागर मंथन इवेंट' भी आयोजित की गयी जिसमें कमांडरों, विशेषज्ञों और विचारकों ने ज्वलंत मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया।
