पाकिस्तान आर्मी ने चेतावनी दी: यदि युद्ध हुआ तो तबाही होगी — भारतीय अधिकारियों के बयान पर कड़ा पलटवार

नई दिल्ली। पाकिस्तान सेना (ISPR) ने शनिवार रात जारी बयान में कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच फिर कोई सैन्य टकराव हुआ तो वह विनाशकारी होगा और पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा। ISPR ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के कुछ हालिया बयानों को “भ्रामक, उत्तेजक और आक्रामक” करार देते हुए चेतावनी दी कि ऐसे बयान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं।
यह प्रतिक्रिया भारत के शीर्ष नेताओं और सैन्य कमांडरों के हालिया तेवर भरे बयानों के बाद आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन अक्तूबर को कहा था कि जब भी भारत के गौरव और सम्मान की बात आएगी, देश कभी समझौता नहीं करेगा और ज़रूरत पड़ने पर सीमाएँ पार करने से भी नहीं हिचकेंगे। उसी दिन भारतीय सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर 1.0 में संयम दिखाया गया, “अबकी बार भारत यह संयम नहीं रखेगा” और पाकिस्तान को “सोचना पड़ेगा कि उसे भूगोल में रहना है या नहीं।” वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने भी ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में पाकिस्तान के कई विमानन लक्ष्यों के नष्ट होने का जिक्र किया था।
ISPR के बयान में इन बयानों को युद्धोन्मुखी बताया गया और कहा गया कि इस तरह के “गैर-जिम्मेदाराना” बयानों से आक्रामकता को बढ़ावा मिल रहा है और यह मनमाने बहाने बनाकर किसी संभावित कदम की ओर इशारा कर सकता है, जिसका असर व्यापक और घातक होगा। बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान ने जवाब देने का एक नया “न्यू नॉर्मल” स्थापित कर दिया है और अब उसकी प्रतिक्रिया तेज, निर्णायक व विनाशकारी होगी।
पृष्ठभूमि के तौर पर वह भी उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 7 मई की रात भारत ने बताया था कि उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थीं — जिसे ऑपरेशन सिंदूर के तौर पर संदर्भित किया गया — और दोनों पक्षों के बीच उस समय भी तनाव बढ़ा था।
दोनों देशों के शीर्ष सैन्य व राजनैतिक नेताओं के कड़े शब्दों के बीच दक्षिण एशिया में तल्खी और बढ़ी दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वक्तव्यों से वास्तविक सैन्य टकराव का जोखिम बढ़ सकता है यदि कूटनीतिक चैनलों और संयम का रास्ता अपनाया न गया। वर्तमान में किसी भी बड़े सैन्य घटनाक्रम की पुष्टि के लिए दोनों पक्षों के आधिकारिक सूचनाओं और तीसरे पक्ष के भरोसेमंद स्रोतों की निगरानी बनी हुई है।