मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को थर्राने वाले कुख्यात विनोद गडरिया गैंग पर मुजफ्फरनगर पुलिस की कार्रवाई जारी है। गुरुवार देर रात शाहपुर थाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने निरमाना मार्ग पर हुई मुठभेड़ में गैंग के सक्रिय सदस्य और ₹25,000 के इनामी डकैत रवि पाल को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी चार महीने पहले बुलंदशहर में गैंग के सरगना ₹1 लाख के इनामी विनोद गडरिया के ढेर होने के बाद, गैंग के नेटवर्क पर एक और बड़ा प्रहार है।
ऐसे दबोचा गया गडरिया गैंग का सदस्य
आत्मरक्षा में की गई जवाबी फायरिंग में बदमाश घायल हो गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बदमाश के कब्जे से तमंचा और मोटरसाइकिल बरामद हुई है। पूछताछ में रवि पाल ने स्वीकार किया कि वह अपने साथियों के साथ शाहपुर और ककरौली समेत अन्य क्षेत्रों में डकैती की वारदातों को अंजाम देने के लिए रेकी करने आया था।
20 साल से जरायम की दुनिया में था विनोद गडरिया गैंग
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गैंग पिछले लगभग 20 वर्षों से पश्चिमी यूपी में लूट और डकैती का पर्याय बन चुका था। गैंग का सरगना विनोद गडरिया (निवासी शामली) था, जिसके खिलाफ लूट, डकैती और हत्या जैसे गंभीर मामलों में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज थे।
-   गैंग की क्रूरता: विनोद गडरिया का गैंग डकैती की वारदातों को अंजाम देता था और विरोध करने वालों की हत्या करने से भी नहीं हिचकता था। 
-   सरगना का पतन: विनोद गडरिया को जून 2025 में बुलंदशहर के जहांगीराबाद क्षेत्र में एसटीएफ की मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था। 
-   अन्य सदस्य: विनोद गडरिया के मारे जाने के बाद, इसी गैंग के एक अन्य ₹25,000 के इनामी डकैत अजयवीर को भी कुछ महीने पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर किया था। 
पुलिस का मानना है कि रवि पाल की गिरफ्तारी से गैंग के फरार सदस्यों और उनके आगामी आपराधिक मंसूबों के बारे में अहम जानकारियां मिलेंगी। पुलिस टीम में शाहपुर थाना प्रभारी मोहित चौधरी समेत कई अधिकारी और कांस्टेबल शामिल रहे।
एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश रवि पाल पुत्र यशपाल हरियाणा के पानीपत का निवासी है। वह पिछले एक साल से जिले में वांछित चल रहा था। रवि, कुख्यात अपराधी विनोद गडरिया का करीबी साथी और उसके गैंग का सक्रिय सदस्य है। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच मुजफ्फरनगर जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कई डकैतियां की थीं।
एसपी देहात ने बताया कि रवि पाल बेहद शातिर अपराधी है और लंबे समय से फरार था। पुलिस को उसकी गतिविधियों की जानकारी मुखबिर के जरिए मिली, जिसके बाद शाहपुर थाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने देर रात उसे दबोचने के लिए घेराबंदी की। खुद को घिरता देख उसने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया। आत्मरक्षा में पुलिस की जवाबी गोलीबारी में उसके दोनों पैरों में गोली लगी। घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बंसल ने बताया कि रवि पाल पर डकैती, लूट और अवैध हथियार रखने के कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उसके गैंग के दो अन्य सदस्य — गैंग लीडर विनोद गडरिया और अजय वीर — पहले ही पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। रवि के पकड़े जाने से गैंग की गतिविधियों पर अब काफी हद तक रोक लगने की उम्मीद है।
पुलिस ने बताया कि बदमाश के अन्य साथियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। एसपी देहात ने शाहपुर पुलिस और एसओजी टीम की सराहना करते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और किसी भी कीमत पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

 
                 
              
                 
             
         
         
         
         
                 
                            
                         
                            
                         
                            
                         
                            
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