अखिलेश ने Chat GPT से किया सवाल, पूछा- संघ बैन होना चाहिए, कहा- मेरठ में कारोबारियों को रिटर्न गिफ्ट मिला
3.jpg) 
                 
              
                लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को लखनऊ में कई मौकों पर आरएसएस बैन का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती और आचार्य नरेंद्र देव जयंती के अवसर पर आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी विचारधारा आज भी सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है और इस पर बैन लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तीखा तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बच्चों के साथ खेलते हैं और फोटो खिंचवाते हैं, लेकिन जनता की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देते। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री चैटजीपीटी से किसी विषय का नाम पूछें, तो वह सही उत्तर देगा, लेकिन बीजेपी सरकार नाम बदलने जैसी बातें कर रही है।
किसानों की समस्याओं पर भी अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गन्ने की कीमत बढ़ाने में वर्षों लग गए जबकि सरकार मुनाफा कमा रही है। किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा, खाद और कीटनाशक महंगे हैं, और धान की खरीद व्यवस्था ठप है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मंडियों को प्राइवेट कंपनियों को बेचने की तैयारी में है।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी सपा प्रमुख ने तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय इलाज कराना जोखिम भरा हो गया है और लोगों को समय पर सही इलाज नहीं मिल रहा। उन्होंने पिछली सपा सरकार की अस्पताल व्यवस्था का उदाहरण देते हुए कहा कि मुफ्त और प्रभावी इलाज की व्यवस्था थी।
गोरखपुर शहर के विकास पर भाजपा के दावों पर भी अखिलेश यादव ने व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर को स्पेन जैसा बताने वाले लोग वास्तविकता नहीं देख रहे और शहर में गांजा जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।
यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति और महिलाओं की सुरक्षा पर भी उन्होंने चिंता जताई। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेटियां सबसे असुरक्षित हैं और कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार बनने पर फ्री मेडिकल सर्विस और एम्बुलेंस सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट किया कि आरएसएस की विचारधारा पर बैन की मांग करना देश और समाज की एकता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने सरदार पटेल और आचार्य नरेंद्र देव की दूरदर्शिता और योगदान को याद करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं की आवश्यकता आज भी बनी हुई है।

 
            28.png) 
         
         
         
         
                 
                            
                         
                            
                        .webp) 
                            
                         
                            
                         
                            
                        