मेरठ में बिल्डरों पर शिकंजा, 12 बिल्डरों पर ₹10 करोड़ बकाया, 15 दिन में भुगतान न करने पर संपत्ति होगी सील
मेरठ। जिला प्रशासन ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा/RERA) के बकाये को लेकर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। लगभग 10 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान के संबंध में 12 प्रमुख बिल्डरों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन बिल्डरों को 15 दिन के भीतर भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया गया है, अन्यथा उनकी संपत्तियों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई की मुख्य बातें:
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बकाया राशि: रियल एस्टेट सेक्टर की विभिन्न फर्मों पर लगभग 10 करोड़ रुपए का बकाया है।
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नोटिस: 12 बिल्डरों को रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी करते हुए सीलिंग नोटिस भेजे गए हैं।
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अल्टीमेटम: एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी ने बिल्डरों को 15 दिन के भीतर भुगतान करने का अंतिम मौका दिया है।
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आधार: यह कार्रवाई रेरा की वर्चुअल बैठक में पूरे प्रदेश में रियल एस्टेट विवादों की समीक्षा के बाद शुरू की गई है।
प्रमुख बकायेदार फर्मों पर बकाया (करोड़ों में):
| फर्म का नाम | बकाया राशि (₹ करोड़ में) |
| सनसाइन इन्फ्राहाइट | ₹2.98 करोड़ |
| अंसल लैंडमार्क टाउनशिप | ₹1.27 करोड़ |
| अग्रवाल प्रॉपर्टीज एंड डेवलपर्स | ₹1.78 करोड़ |
| मेरठ वन रेजीडेंस | ₹1.95 करोड़ |
| कुल योग (लगभग) | ₹8 करोड़ से अधिक (अन्य फर्मों को मिलाकर ₹10 करोड़) |
प्रशासनिक रुख और खरीदारों को राहत
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रिकवरी प्रक्रिया: एडीएम वित्त ने पुष्टि की है कि प्रशासन आरसी जारी कर खरीदारों के पैसे वापस कराने की प्रक्रिया पर सख्ती से काम कर रहा है।
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समझौते के मामले: बताया गया है कि 50 से अधिक मामले पहले ही बिल्डरों और खरीदारों के बीच आपसी सहमति से निपटाए जा चुके हैं।
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कोर्ट में मदद: तीन बड़े बिल्डरों के खिलाफ खरीदारों ने कोर्ट का रुख किया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि दोनों पक्ष आपसी समझौते के लिए तैयार होते हैं, तो प्रशासन कोर्ट में उनकी मदद करेगा।
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समय की मांग: बैठक से पहले कुछ बिल्डरों ने प्रशासन से मुलाकात कर भुगतान के लिए 15 दिन का समय माँगा है।
प्रशासन की इस कठोर कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि वह रेरा के बकाये को लेकर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने को तैयार है।
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