केंद्र सरकार ने 32,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बॉन्ड नीलामी की घोषणा, 31 अक्तूबर को होगी बड़ी वित्तीय घटना
Central Government : भारत सरकार ने अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बड़ी नीलामी की घोषणा की है। 31 अक्तूबर, 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से चार दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री की जाएगी, जिससे कुल 32,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इन प्रतिभूतियों में विभिन्न परिपक्वता तिथियों और ब्याज दरों के विकल्प शामिल हैं, जो निवेशकों के लिए आकर्षक हैं।
बॉन्ड जारी करने के पीछे सरकार की रणनीति
निवेशकों के लिए ब्याज दरों के साथ विविध विकल्प
इस नीलामी में शामिल प्रतिभूतियों में 5,000 करोड़ से लेकर 11,000 करोड़ तक के बॉन्ड शामिल हैं। पहली प्रतिभूति 5.91% ब्याज दर के साथ 2028 तक चलेगी और 9,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। दूसरी 6.28% ब्याज दर के साथ 2032 तक चलेगी और 11,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। तीसरी 7.24% ब्याज दर के साथ 2055 तक चलेगी और 7,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। चौथा बॉन्ड 6.98% ब्याज दर के साथ भारत सरकार का सॉवरेन ग्रीन बांड (SGRB) 2054 है, जिसकी अधिसूचित राशि 5,000 करोड़ रुपये है। निवेशकों की प्रतिक्रिया के आधार पर, प्रत्येक प्रतिभूति पर 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता भी रखी जा सकती है।
बॉन्ड निवेश क्यों माने जाते हैं सुरक्षित
निवेशक इन बॉन्डों को खरीदते हैं और बदले में, सरकार एक निश्चित अवधि के बाद ब्याज सहित राशि वापस करने का वादा करती है। इसके जरिए सरकार को करों में तत्काल वृद्धि किए बिना बुनियादी ढांचे, कल्याणकारी योजनाओं, वेतन, सब्सिडी और अन्य विकास कार्यक्रमों के लिए धन जुटाने में मदद मिलती है। बांड को सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि वे सरकार द्वारा समर्थित होते हैं।
RBI की यूनिवर्सल बैंक अर्जी पर निर्णय
इसी बीच, आरबीआई ने जना एसएफबी की यूनिवर्सल बैंक अर्जी लौटा दी है, जिसके बाद शेयर बाजार में लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यह निर्णय बैंकिंग क्षेत्र में नियामक दृष्टिकोण को दर्शाता है और निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
