अगले महीने सस्ता हो सकता है होम लोन! दिसंबर 2025 की RBI बैठक पर टिकी नज़रें, क्या टूटेगा रेपो रेट का पहरा?
RBI Repo Rate: नई दिल्ली। दिसंबर 2025 में होने वाली भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक इस बार खास मानी जा रही है। हर दो महीने में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में देश की मौद्रिक स्थिति, ब्याज दरों और रेपो रेट पर निर्णय लिया जाता है। चूंकि रेपो रेट सीधे तौर पर लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करता है, इसलिए इस बार घर खरीदने वालों से लेकर कारोबारी तक सभी की नज़रें इसी बैठक पर टिकी हैं।
रेपो रेट रिव्यू: पिछले निर्णय क्या बताते हैं?
क्या दिसंबर में कट सकती है रेपो रेट?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर 2025 की बैठक में RBI रेपो रेट में कटौती कर सकता है। हालांकि कितनी कटौती होगी, इस पर अभी कोई आधिकारिक संकेत जारी नहीं किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि महंगाई दर नियंत्रण में रहती है, तो RBI उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मौद्रिक ढील दे सकता है।
रेपो रेट क्या होता है और क्यों मायने रखता है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से शॉर्ट-टर्म लोन लेते हैं। RBI साल में छह बार होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में इस दर की समीक्षा करता है। यही दर तय करती है कि बाजार में लोन कितने महंगे या सस्ते होंगे। इसलिए रेपो रेट में बदलाव सिर्फ बैंकिंग सेक्टर ही नहीं, बल्कि पूरे आर्थिक ढांचे को प्रभावित करता है।
अगर रेपो रेट घटा तो क्या होगा असर?
यदि दिसंबर बैठक में रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों को सस्ती फंडिंग मिलेगी। इसका सीधा प्रभाव ग्राहकों की EMI पर पड़ेगा और होम लोन, पर्सनल लोन व ऑटो लोन सस्ते हो सकते हैं। वहीं यदि RBI रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंकों का कर्ज महंगा होगा, जिसके बाद ग्राहकों की EMI बढ़ सकती है। हालांकि बैंकों पर निर्भर करेगा कि वे अपनी फिक्स्ड ब्याज दरों में कितना और कब बदलाव करते हैं।
