मानवता के विरुद्ध अपराध: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को आईसीटी ने सुनाई फांसी की सजा
नई दिल्ली। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने पूर्व पीएम शेख हसीना को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा पर फैसला सुनाने के दौरान कहा था कि हसीना कठोरतम सजा की हकदार हैं। बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को आईटीसी ने "मानवता के विरुद्ध अपराध" के लिए मौत की सजा सुनाई है। विदेशी मीडिया के अनुसार, जुलाई-अगस्त 2024 के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं के लिए आईसीटी ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई।
जस्टिस गुलाम मुर्तुजा मजुमदार ने कहा, "मानवता के विरुद्ध अपराध की सभी हदें पार कर गई हैं।" इस फैसले का राष्ट्रीय टेलीविजन पर सीधा प्रसारण भी किया गया। कोर्ट ने फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट ने वीडियो साक्ष्य का जिक्र किया, जिसमें हसीना पर लक्षित हत्या का आदेश देने, जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों पर गोली चलाने और उन्हें निशाना बनाने के लिए हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों का आदेश देने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सबूत यह भी बताते हैं कि हसीना ने सरकार की आलोचना करने के कारण कई पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को पद से हटा दिया था।
बांग्लादेश के आईसीटी ने मानवता के खिलाफ कथित अपराधों पर अपदस्थ अवामी लीग नेता के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए अधिकतम सजा की हकदार हैं। कोर्ट ने शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी ठहराया। महीनों तक चले मुकदमे में उन्हें पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह पर घातक कार्रवाई का आदेश देने का दोषी पाया गया था।
