सहारनपुर। जिलाधिकारी मनीष बंसल के निर्देशों पर जनपद सहारनपुर में चारा नीति के अन्तर्गत नैपियर घास उगाने को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिये पशुपालन विभाग किसानों को नैपियर घास की जड़ें प्रदान करेगा। तीन बीघा भूमि पर घास रोपाई करने वाले किसानों को चार हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा। जिन किसानों को नैपियर घास दी जायेगी, उन्हें अगले वर्ष दो गुनी जडें अन्य किसानों को विभाग के माध्यम से उपलब्ध करानी होगी। इस घास की बुवाई से कम से कम तीन वर्षों तक हरे चारे की व्यवस्था बनी रहेगी।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी सहारनपुर डा० एम०पी० सिंह ने बताया कि चारा नीति के तहत नैपियर घास उगाने के लिये किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इससे पशुपालकों को हरे चारे की समस्या का सामना नहीं करना पडेगा। नैपियर घास की जड़ें, जिसे रूट स्लिप कहा जाता है, विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। बंजर भूमि पर भी इसे उगाने की योजना है, ताकि गौशालाओं में हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकें। योजना के तहत तीन बीघा भूमि पर नैपियर घास उत्पादन करने वाले किसानों को चार हजार रूपये का अनुदान दो किस्तों मे दिया जायेगा।
पहली किस्त जडों को रोपाई के बाद और दूसरी किस्त चारे की पहली कटाई के समय दी जायेगी। किसान इस योजना का लाभ लेने के लिये निकटतम पशुचिकित्सालय में पशु चिकित्साधिकारी से 20 नवम्बर से पहले सम्पर्क करें। वर्तमान में जनपद को 2 हेक्टेयर में रोपाई का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। नैपियर घास की फसल अन्य फसलों से भिन्न है। इसे एक बार रोपाई करने पर कम से कम तीन वर्षों तक फसल ली जा सकती है।