मीरापुर नगर पंचायत में बड़ा घोटाला: ठेकेदार ने रिपेयरिंग के नाम पर बेच दिए सरकारी वाहन, DM से जांच की मांग
मुजफ्फरनगर। नगर पंचायत मीरापुर में बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप सामने आया है। सोमवार को आधा दर्जन सभासदों ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से मिलकर ठेकेदार पर आरोप लगाया कि उसने मरम्मत के नाम पर नगर पंचायत के कई वाहन और उपकरण गायब कर दिए और लाखों रुपये का दुरुपयोग किया है।
सभासदों का सबसे गंभीर आरोप यह है कि ठेकेदार ने मरम्मत के बहाने नगर पंचायत के वाहनों और मशीनरी को ही बेच दिया। सभासदों के अनुसार एक ट्रैक्टर-ट्रॉली, एक पानी का टैंकर, दो ई-रिक्शा, एक टाटा मैजिक और नलकूप की मोटर सहित लाखों का सामान बिना अनुमति के बेच दिया गया।
इसके साथ ही सभासदों ने नगर पंचायत चेयरमैन पर डीजल घोटाले का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरकारी डीजल का उपयोग चेयरमैन ने अपने निजी वाहनों और परिचितों के वाहनों में कराया। आरोप है कि पूर्व चेयरमैन के समय जहां मासिक डीजल खपत 1700 लीटर थी, वहीं वर्तमान चेयरमैन के कार्यकाल में यह बढ़कर 3700 लीटर प्रतिमाह हो गई, जबकि नगर पंचायत के वाहनों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
जिलाधिकारी ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू करा दी है। वहीं मीरापुर के चेयरमैन जमील अहमद ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि ठेकेदार द्वारा वाहन या अन्य सामान बेचे जाने की कोई जानकारी उन्हें नहीं है और यदि ऐसा कुछ है तो जांच में स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने डीजल घोटाले के आरोपों को भी निराधार बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में पूर्व की अपेक्षा कम डीजल खर्च हुआ है, जिसकी रिकॉर्ड फाइलें नगर पंचायत में मौजूद हैं।
