दिल्ली ब्लास्ट: NIA ने आतंकी उमर का सहयोगी जसीर गिरफ्तार, ड्रोन-रॉकेट और IED में था मददगार
नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट मामले में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से आतंकी उमर के एक और सहयोगी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि जसीर आतंकी उमर को तकनीकी सहयोग प्रदान करता था, ब्लास्ट के लिए ड्रोन मॉडिफाई करता था और रॉकेट बनाने की कोशिश भी करता था।
जांच में यह भी सामने आया कि ब्लास्ट में इस्तेमाल कार आमिर के नाम पर थी। सुरक्षा एजेंसियों को विस्फोट में शू बॉम्ब के इस्तेमाल का शक है। विस्फोट वाली कार से जूते मिले, जिनमें अमोनियम नाइट्रेट और टीएटीपी (TATP) के ट्रेस पाए गए। टीएटीपी अत्यंत संवेदनशील विस्फोटक है और मामूली झटके या गर्मी से भी फट सकता है।
एनआईए ने पुष्टि की कि कार चला रहा उमर नबी आत्मघाती हमलावर था। यह पहला मौका है जब किसी सुरक्षा एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर इसे स्वीकार किया। 10 नवंबर को हुए दिल्ली धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।
शू बॉम्ब वह विस्फोटक उपकरण है जिसे जूते के अंदर छिपाकर बनाया जाता है। इसका उद्देश्य सुरक्षा जांच को चकमा देकर विस्फोटक को संवेदनशील स्थानों तक ले जाना होता है। इसमें विस्फोटक सामग्री जूते के तलवे या गद्दी में छिपाई जाती है और डेटोनेशन सिस्टम से विस्फोट कराया जा सकता है।
सुरक्षा एजेंसियां अब उमर के पूरे मूवमेंट का रूट मैप तैयार कर रही हैं। इसमें ब्लास्ट से पहले उमर के सभी ठिकानों और उसकी गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दर्ज किया जाएगा। एनआईए यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि फरीदाबाद से दिल्ली तक उमर ने किन लोगों से संपर्क किया और किसने उसकी मदद की।
धमाके वाली जगह से पुलिस को 9 एमएम की तीन गोलियां मिलीं, जिनमें से दो जिंदा थीं। मौके पर कोई हथियार नहीं मिला। इन गोलियों की जांच की जा रही है क्योंकि इसे केवल विशेष सुरक्षा यूनिट्स या अनुमति प्राप्त लोग ही रख सकते हैं।
