SBI के चेयरमैन बोले: "ECL मॉडल के लिए पूरी तरह तैयार है बैंक", RBI के नए फ्रेमवर्क पर बड़ा बयान

Business News: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने कहा है कि देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अपेक्षित ऋण हानि (Expected Credit Loss - ECL) मॉडल को अपनाने के लिए तकनीकी रूप से पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बैंक ने इस मॉडल को लागू करने के लिए अपनी तकनीकी संरचना, डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम और एनालिटिक्स टूल्स को पहले ही अपग्रेड कर लिया है।
RBI के नए मसौदे पर SBI का रुख

हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि "कुछ ऑपरेशनल और पॉलिसी लेवल सुधारों की अभी भी जरूरत हो सकती है।"
उनके अनुसार, बैंक इस परिवर्तन को एक सकारात्मक सुधारात्मक कदम के रूप में देख रहा है, जिससे ऋण प्रबंधन प्रणाली और जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया और मजबूत होगी।
चेयरमैन शेट्टी का बयान: "प्रभाव सीमित रहेगा"
“हमें लगता है कि आरबीआई द्वारा दिया गया लंबा संक्रमण काल बैंकों की बैलेंस शीट पर सीमित असर डालेगा। यह बदलाव दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करेगा।”
उन्होंने बताया कि मौजूदा प्रावधानों को हटाकर नया ECL फ्रेमवर्क वित्त वर्ष 2027 से लागू होगा।
इसके बाद बैंकों को इसे पूरी तरह से अपनाने के लिए पांच साल का समय दिया गया है, ताकि वे अपने सिस्टम, रिस्क मॉडल और डेटा स्ट्रक्चर को नए मानकों के अनुरूप तैयार कर सकें।
लंबी अवधि में बैंकिंग सेक्टर को लाभ
विशेषज्ञों के अनुसार, ECL फ्रेमवर्क अपनाने से बैंकों को क्रेडिट रिस्क का बेहतर अनुमान लगाने में मदद मिलेगी। इससे एनपीए (Non-Performing Assets) पर नियंत्रण और वित्तीय स्थिरता में सुधार आएगा।
SBI की ओर से की गई यह घोषणा बैंकिंग सेक्टर में सकारात्मक संदेश देती है कि सरकारी बैंक भी अब आधुनिक जोखिम प्रबंधन के लिए तकनीकी रूप से सुसज्जित हैं।