अगस्त में महंगाई 2% से ऊपर, एसबीआई रिपोर्ट में ब्याज दरों में कटौती की राह मुश्किल- SBI Report

SBI Report: एसबीआई रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में देश की महंगाई दर दो प्रतिशत से ऊपर रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्तर पर अक्टूबर में केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में अनुमान से बेहतर विकास दर को ध्यान में रखते हुए, दिसंबर में भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम नजर आती है।
दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती का परिदृश्य अनिश्चित
गैर-खाद्य वस्तुओं पर महंगाई कम होने की उम्मीद
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव से गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई में 40 से 45 आधार अंकों तक की कमी आ सकती है। हालांकि, यह तभी संभव होगा जब इन बदलावों का 50 प्रतिशत प्रभाव सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे। सरकार ने लगभग 295 जरूरी वस्तुओं की GST दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य प्रतिशत कर दिया है। एसबीआई इकोरैप के अनुसार, इस कर कटौती से वित्त वर्ष 26 में इन वस्तुओं की महंगाई में 25 से 30 आधार अंकों की कमी हो सकती है, यदि 60 प्रतिशत लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में वृद्धि
जुलाई 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) 1.55 प्रतिशत पर आकर 98 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन अगस्त में यह बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई। महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य और पेय पदार्थों की ऊंची कीमतें रही। इसी प्रकार, कोर मुद्रास्फीति, जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं हैं, भी 4.16 प्रतिशत तक बढ़ गई।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महंगाई में वृद्धि
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महंगाई दर में वृद्धि देखी गई। ग्रामीण क्षेत्र की मुद्रास्फीति बढ़कर 1.69 प्रतिशत हो गई (जुलाई में 1.18 प्रतिशत), जबकि शहरी क्षेत्र में यह बढ़कर 2.47 प्रतिशत हो गई (2.10 प्रतिशत से)। यह वृद्धि आंशिक रूप से "आधार प्रभाव" के कम होने के कारण हुई। इसका अर्थ है कि अब कीमतों में वास्तविक वृद्धि अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
केरल में महंगाई दर 9.04 प्रतिशत तक पहुंची
अगस्त में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 26 में महंगाई 4 प्रतिशत से कम रही। केवल केरल और लक्षद्वीप में मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से अधिक रही। केरल में मुद्रास्फीति 9.04 प्रतिशत तक पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण नारियल तेल सहित प्रमुख खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि था। ग्रामीण महंगाई दर 10.05 प्रतिशत और शहरी महंगाई दर 7.19 प्रतिशत तक पहुंच गई।
भारी बारिश से खाद्य आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे प्रमुख कृषि राज्यों में भारी बारिश से खाद्य आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसके चलते आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। अगस्त और सितंबर की शुरुआत के बीच पूरे भारत में बारिश सामान्य से लगभग 9 प्रतिशत अधिक रही, जबकि कुछ राज्यों में यह स्तर इससे भी अधिक रहा।