नोएडा में ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन, कारखाना अधिनियम संशोधन रद्द करने की मांग
नोएडा। नोएडा में सक्रिय विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार को संयुक्त रूप से उप श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कारखाना अधिनियम में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए संशोधन को रद्द करवाने की मांग ट्रेड यूनियनों द्वारा की गई है।
नोएडा के सेक्टर-3 स्थित उप श्रम आयुक्त कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन के दौरान ट्रेड यूनियनों में शामिल सीटू, इंटक, एक्टू, टीयूसीआई, यूपीएलएफ व जनवादी महिला समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कारखाना अधिनियम 1948 में मजदूर विरोधी संशोधन कर प्रदेश में काम के घंटे 8 से बढ़कर 12 घंटे करने और महिला कामगारों को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति प्रदान की है। इसके विरोध में आज उप श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान मजदूर नेताओं ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सहायक श्रम आयुक्त को देकर कारखाना अधिनियम 1948 में मजदूर विरोधी किए गए संशोधन को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की गई।
इसके साथ ही ट्रेड यूनियनों ने ज्ञापन में के माध्यम से चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उक्त संशोधन रद्द नहीं किया तो जनपद सहित पूरे प्रदेश में ट्रेड यूनियनें बड़ा आंदोलन करने को विवश होगी। ज्ञापन में महंगाई के अनुसार न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपया घोषित करने व पेंशन 10 हजार लागू करवाने, स्थाई कार्य में ठेकेदारी बंद कर ठेके में लगे श्रमिकों को स्थाई करने व पथ विक्रेता अधिनियम को सही तरीके से लागू करवाने और असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने सहित कई मांगे उठाई गई है। ज्ञापन सहायक श्रमायुक्त एसपी सिंह ने लिया।
ज्ञापन देने वालों में इंटक नेता डॉक्टर केपी ओझा, एक्टू नेता अमर सिंह व प्रेम सिंह, टीयूसीआई नेता उदय चंद्र व रामसेवक सिंह, यूपीएलएफ नेता रामनरेश यादव, ललित शर्मा, जनवादी महिला समिति की नेता रेखा चौहान, गुड़िया देवी, पिंकी, सीटू नेता राम स्वारथ, मुकेश कुमार राघव, सुनील कुमार पंडित, गंगेश्वर दत्त शर्मा, पूनम देवी, रामसागर, इशरत देवी, अरुण कुमार, भीखू प्रसाद, पारस गुप्ता सहित कई अन्य श्रम संगठनों के पदाधिकारी शामिल रहे।
