फोनरवा ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से की लंबित विकास कार्यों व आवासीय समस्याओं पर चर्चा

नोएडा। नोएडा शहर में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर आज फेडरेशन ऑफ नोएडा रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) कार्यकारिणी कमेटी की बैठक नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम के साथ हुई। बैठक में एसीईओ कृष्ण करुणेश, सतीशपाल, ओएसडी महेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक एके अरोरा, एसपी सिंह, आरपी सिंह, डीजीएम विजय रावल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें।

बैठक में फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने कहा कि नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में लंबे समय से विकास के कार्य लंबित हैं। कुछ महीने पूर्व हुई आरडब्ल्यूए की बैठक में लिए गए निर्णय पर अभी तक पर्याप्त कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे नोएडा का विकास प्रभावित हैं।
इस विषय पर सीईओ ने बताया कि बहुत से काम कि स्वीकृति दे दी गई है। जिसकी सूची जल्दी ही फोनरवा को दी जाएगी। इसके साथ-साथ जो अन्य काम रह गए हैं उनको भी जल्द से जल्द करवाया जाएगा। इसके साथ-साथ सेक्टर में पुरानी सीवर लाइन को बदला जाएगा। बैठक के दौरान सीईओ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में शिकायत है, वहां पर सभी अधिकारी जाकर समस्याओं का समाधान करें।
वहीं महासचिव केके जैन ने आरडब्ल्यूए तथा नोएडा के निवासियों की कई समस्याओं से संबंधित महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। जिसमें फ्लैटों के कई निवासियों ने आवश्यकता के चलते कुछ अनधिकृत निर्माण कार्य करवाए हैं, जैसे बालकनियों को ढके हुए स्थानों में परिवर्तित करना या दीवारें बनाना, मुख्य रूप से अपने बढ़ते परिवारों को समायोजित करने और सुरक्षा बढ़ाई है। इस संबंध में सीईओ ने कहा कि हम सभी सेक्टरों का सर्वे कराएंगे। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया की मृत्यु के बाद म्यूटेशन में धारा 10 के नोटिस कि जरूरत नहीं है। वर्ष में दो बार गंगा नहर की सफाई होती है, जिसके कारण लगभग 15 से 30 दिनों तक गंगाजल की सप्लाई बाधित रहती है। इसके अतिरिक्त अन्य कारणों से भी गंगाजल की आपूर्ति समय-समय पर प्रभावित होती रहती है। यह देखा गया है कि गंगाजल की आपूर्ति बाधित होने पर केवल नए बनाए गए रेनी वेल्स से होने वाली जलापूर्ति पर्याप्त नहीं होती, जिससे सेक्टरों में पानी का प्रेशर बहुत कम हो जाता है और कुछ क्षेत्रों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता।
अतः निष्क्रिय ट्यूबवेल्स को शीघ्रता से दुरुस्त कर पुनः चालू किया जाए। इसके साथ-साथ आवश्यकता अनुसार नए ट्यूबवेल्स भी स्थापित किए जाएं। गंगाजल की आपूर्ति बाधित के समय ट्यूबवेल से प्राप्त जल को रेनीवेल के जल में मिलाकर वितरित किया जाए। जिससे पेयजल आपूर्ति नियमित और पर्याप्त बनी रहे। इस विषय पर सीईओ ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया कि ऐसे ट्यूबवेल्स को ठीक करवाया जाए या जरूरत पड़ने पर नए लगवाया जाए जिनका उपयोग सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही किया जाए। बैठक में सेक्टरों में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों से बिना परामर्श के बनाए जा रहे वेंडिंग जोन और बढ़ते अतिक्रमण पर भी चर्चा हुई।
इसके अलावा नोएडा के कई आवासीय क्षेत्रों में गेस्ट हाउस, कार्यालय, छात्रावास, गोदाम, प्ले स्कूल आदि जैसी विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इन गतिविधियों के कारण आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को गंभीर असुविधा और समस्याएँ हो रही हैं। इस पर सीईओ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ उन्होंने कहा कि सभी आरडब्ल्यूए अपने सेक्टर में आवासीय क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां कि सूचना संबंधित अधिकारी को दे।
बैठक में फोनरवा अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा, महासचिव केके जैन, कोषाध्यक्ष पवन यादव, विजय कुमार भाटी, अशोक कुमार मिश्रा, प्रदीप वोहरा, लाटसाहब लोहिया एडवोकेट, संजय चैहान, कोसिंदर यादव, हृदेश कुमार गुप्ता, राजेश सिंह, भूषण शर्मा सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।