“चिराग पासवान की धमाकेदार वापसी: 29 में से 21 सीटों पर लुप (LJP-RV) का रिकॉर्ड प्रदर्शन!”
विशेष रूप से उन सीटों पर सफलता मिली जहां आमतौर पर विपक्ष का प्रभाव मजबूत माना जाता था, जैसे महुआ (वैशाली), बोचहां (मुजफ्फरपुर), चेनारी और बलरामपुर (कटिहार)। इससे यह स्पष्ट होता है कि अब बिहार की राजनीति में सिर्फ सीट शेयरिंग या परंपरागत वोट बैंक की रणनीति ही नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस और ब्रांड लीडरशिप मायने रखती है।
इस सफलता ने पार्टी की जिम्मेदारी भी बढ़ा दी है। जनता अब उम्मीद करेगी कि सिर्फ लीडिंग ही नहीं बल्कि जीत और कार्य प्रदर्शन भी दिखाई जाए। साथ ही, गठबंधन में अपनी स्थिति और हिस्सेदारी को कैसे बनाए रखा जाए, यह भी चुनौतीपूर्ण होगा।
चिराग पासवान ने इस उपलब्धि का श्रेय एनडीए सहयोगियों, खासकर नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी को भी दिया। यह सफलता सिर्फ एक पार्टी का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि बिहार में नए राजनीतिक समीकरणों का संकेत है। LJP-RV ने इस दिशा में मजबूत कदम रखे हैं और अब सभी की निगाहें इस पार्टी के अगले कदम पर टिकी हैं।
