लौकहा विधानसभा 2025: जदयू के लिए प्रतिष्ठा की चुनौती, जातीय समीकरण बदल सकते हैं चुनाव का नक्शा
Bihar News: मधुबनी के लौकहा विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गई है। 2020 में राजद ने जदयू से यह सीट छीन ली थी, लेकिन अब जदयू इसे वापस पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्र में कई रैलियां की हैं। जनता की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार कौन मजबूत पकड़ा दिखाएगा।
जदयू और राजद के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई
मुख्यमंत्री नीतीश और अमित शाह की सक्रियता
दो माह के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहाँ तीन बार आए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभा कर जनता से समर्थन मांगा। जदयू ने सतीश साह को उम्मीदवार बनाया, जबकि राजद ने वर्तमान विधायक भारत भूषण मंडल को टिकट दिया।
जातीय समीकरण का प्रभाव
क्षेत्र में यादव, धानुक, महादलित, अतिपिछड़ा और सवर्ण मतदाता निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। एनडीए विकास एवं सुशासन के आधार पर वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि महागठबंधन एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर चुनावी रणनीति केंद्रित कर रहा है।
जनसुराज और निर्दलीय उम्मीदवारों का असर
जनसुराज के उम्मीदवार रोजगार, भ्रष्टाचार और पलायन के मुद्दों पर वोटरों से अपील कर रहे हैं। निर्दलीय उम्मीदवार राम लखन यादव महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने की संभावना रखते हैं।
स्थानीय मुद्दों और विकास की जरूरत
लौकहा बाजार नेपाल सीमा से सटा है। मतदाताओं ने लंबी दूरी की ट्रेन सेवाओं की आवश्यकता, बेरोजगारी, उद्योग की कमी और भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बताया। लोग एनडीए सरकार में विकास को सराहते हैं, लेकिन सुधार की उम्मीद भी जताते हैं।
एनडीए और महागठबंधन के चुनावी नारे
एनडीए विकास, सुशासन और डबल इंजन सरकार का नारा जनता तक पहुंचा रहा है। महागठबंधन रोजगार, नौकरी और युवाओं के कल्याण पर जोर दे रहा है। चुनावी माहौल में दोनों गठबंधनों ने जनता के बीच अपनी छवि मजबूत करने की पूरी कोशिश की है।
